बाढ़ राहत पर खर्चों की हो विजिलेंस जांच : माजरा
कैथल (हप्र)
पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने कहा कि सरकार के कुप्रबंधन का ही नतीजा है कि आज प्रदेश के 1500 गांव बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं। पिछले सात साल में बाढ़ राहत पर खर्च हुए दो हजार करोड़ से अधिक की राशि की जांच के लिए सरकार को विजिलेंस जांच करवानी चाहिए। अपने आवास पर रामपाल माजरा ने कहा कि हरियाणा सरकार बाढ़ राहत के लिए कोई काम नहीं कर पाई। बैठकों में 1100 करोड़ रुपए के कार्यों को मंजूरी जरूर दी, इसमें से कौन-कौन से कार्य पूरे हुए, पैसा कितना खर्च हुआ, कहां हुआ, इन सबका सरकार के पास जवाब नहीं है। अभी भी बाढ़ राहत का बजट, मनरेगा का बजट व केंद्र से आए दो सौ करोड़ से अधिक के बजट को खर्च किया जा रहा है। जिसमें कई लोग आपदा में अवसर ढूंढ रहे हैं। सरकार इस बजट को अपनी निगरानी में खर्च करे। यह भी कहीं भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़ जाये। उन्होंने कहा कि हरियाणाा बनने के 57 साल बाद भी घग्गर व यमुना के तटबंध कच्चे हैं। इससे साबित होता है कि हर साल बाढ़ राहत के नाम पर पत्थर लगाने का बिल दर्ज करवा दिया जाता है।