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कांग्रेस में सिटिंग-गैटिंग फार्मूला नहीं, जिताऊ को मिलेगा टिकट

सर्वे में पिछड़ गए तो कट सकते हैं विधायकों के टिकट, आवेदन भी किया अनिवार्य
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 12 जुलाई

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हरियाणा में कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनावों को लेकर सर्वे शुरू करवाया जा चुका है। पार्टी नेतृत्व ने विधानसभा चुनावों में मजबूत और जिताऊ चेहरों की तलाश करने का जिम्मा सुनील कानूगोल की एजेंसी को दिया है। कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के ‘स्टार’ बने कानूगोल ने लोकसभा चुनावों के दौरान भी सर्वे किया था।

इतना ही नहीं, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा अपने स्तर पर भी प्रत्याशियों के चयन को लेकर ग्राउंड से फीडबैक जुटाया जा रहा है। लगातार दस वर्षों से सत्ता से बाहर कांग्रेस के हौसले इस बार इसलिए भी बढ़े हुए हैं, क्योंकि 2019 के विधानसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन उम्मीद से काफी अच्छा रहा था। विपरित परिस्थितियों में कांग्रेस 31 सीटों पर चुनाव जीतने में कामयाब रही थी। हालिया लोकसभा चुनावों में भी दस में से पांच सीटों पर कांग्रेस चुनाव जीत चुकी है। ऐसे में इस बार विधानसभा के चुनाव पूर्व की मुकाबले अधिक मजबूती के साथ लड़े जाएंगे। कई मौजूदा विधायकों की टिकट पर भी तलवार लटकी हुई है। हालांकि कांग्रेस में इस बात का फैसला टिकट आवंटन के समय ही होता है कि ‘सिटिंग-गैटिंग’ का फार्मूला लागू होगा या नहीं। सिटिंग-गैटिंग अगर लागू होता है तो सभी मौजूदा विधायकों को टिकट मिल सकेगी। अगर इस बार पार्टी नेतृत्व इस सिद्धांत पर नहीं चलता तो कुछ मौजूदा विधायकों का टिकट कट भी सकता है। भाजपा यह पहले ही संकेत दे चुकी है कि उसके यहां इस तरह का कोई फार्मूला नहीं चलेगा। 2019 के विधानसभा और हालिया लोकसभा चुनाव में पार्टी कई मौजूदा की टिकट काट भी चुकी है।

कांग्रेस ने चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं को टिकट के लिए आवेदन करने को कहा हुआ है। चंडीगढ़ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आवेदन आने शुरू भी हो गए हैं। इस माह के आखिर तक आवेदन किए जा सकेंगे। इसके बाद आवेदनों की छंटनी होगी। छंटनी के बाद आवेदन करने वाले नेताओं की हलकावार सूची होगी। इस सूची का मिलान सर्वे रिपोर्ट में शामिल नामों के साथ होगा। सर्वे में शामिल नामों के हिसाब से लिस्ट से नाम शॉर्ट-लिस्ट किए जाएंगे।

प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी भी छुपी नहीं है। प्रदेश के वरिष्ठ नेता अपने-अपने समर्थकों की टिकट के लिए भागदौड़ करेंगे। हालांकि पिछले दिनों नई दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश कांग्रेस नेताओं की बैठक में टिकट को लेकर फार्मूला मोटे तौर पर सैट किया जा चुका है। राहुल गांधी ने इस बैठक में साफ कहा था कि पार्टी के प्रति वफादार और जिताऊ नेताओं को ही टिकट दिया जाएगा। टिकट वितरण कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण रहने वाला है, क्योंकि हलकों में कांग्रेस टिकट के दावेदारों की संख्या 5 से 10 तक है। हर हलके में चार से पांच चेहरे ऐसे भी हैं, जो टिकट को लेकर हद से अधिक सीरियस हैं। टिकट किसी एक ही व्यक्ति को मिलनी है। इस स्थिति में भितरघात होने या निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ने की भी संभावना बनी रहेगी।

"कांग्रेस विधानसभा चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है। प्रदेश में सर्वे करवाया जा रहा है। पार्टी हाईकमान की ओर से भी एक एजेंसी के जरिये ग्राउंड से फीडबैक लिया जा रहा है। टिकट के इच्छुक नेताओं को आवेदन करने को कहा है। मौजूदा विधायकों को भी टिकट के लिए आवेदन करना होगा। अब यह फैसला पार्टी नेतृत्व के स्तर पर होगा कि सिटिंग-गैटिंग का फार्मूला लागू होगा या नहीं। यह टिकट आवंटन के समय ही तय होगा। पार्टी नेतृत्व यह पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि पार्टी के प्रति वफादार और जिताऊ नेताओं को ही टिकट दिया जाएगा।"

-उदयभान, प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस

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