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खेत में उत्पादन के बाद प्रसंस्करण पर भी काम करने की जरूरत

हिसार, 11 मार्च (हप्र) चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग द्वारा ‘बीज मसाले-चुनौतियां व अवसर’ विषय पर दो दिवसीय संवाद संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के शुभारंभ अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी. आर....

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हिसार में मंगलवार को फील्ड विजिट के दौरान फसलों को निरीक्षण करते कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज। -हप्र
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हिसार, 11 मार्च (हप्र)

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सब्जी विज्ञान विभाग द्वारा ‘बीज मसाले-चुनौतियां व अवसर’ विषय पर दो दिवसीय संवाद संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के शुभारंभ अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी. आर. काम्बोज मुख्य अतिथि रहे। संगोष्ठी में शोधार्थी, किसान और वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं।

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कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने अपने संबोधन में कहा कि गुणवत्ता युक्त सब्जियों की प्रजातियों का विकास करने की जरूरत है ताकि लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि जैविक खेती, ड्रिप इरीगेशन तथा कीट प्रबंधन के क्षेत्र में वैज्ञानिकों को और अधिक बेहतर ढंग से कार्य करना होगा। उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ-साथ बीजों की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन सहित विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी तालमेल के साथ कार्य करने पर बल दिया। सब्जियों की खेती में नर्सरी से लेकर खेत में उत्पादन के बाद प्रसंस्करण पर भी काम करने की जरूरत है ताकि सब्जियों की खेती को और अधिक लाभकारी बनाया जा सके। अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि किसान परंपरागत फसलों के स्थान पर मसालों एवं सब्जियों की खेती करके अपनी आर्थिक स्थिति को और अधिक सुदृढ़ कर सकते हैं।

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