चमेलीवन मंदिर और अंजनी कुंड में लगता है भक्तों का तांता
होडल, 9 जुलाई (निस) समीपवर्ती भुलवाना गांव स्थित चमेलीवन मंदिर व यहां पर मौजूद अंजनी कुंड पर प्रत्येक मंगलवार तथा शनिवार को हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहां पहले काफी...
होडल, 9 जुलाई (निस)
समीपवर्ती भुलवाना गांव स्थित चमेलीवन मंदिर व यहां पर मौजूद अंजनी कुंड पर प्रत्येक मंगलवार तथा शनिवार को हजारों की संख्या में भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहां पहले काफी संख्या में बंदर, हिरण, खरगोश आदि जानवर रहते थे। भगवान कृष्ण अक्सर अपनी गोपियों व ग्वालों के साथ यहां गायें चराने के लिए आते थे। एक दिन भगवान को गाय चराते हुए काफी रात हो गई और मां यशोदा उनको तलाश करते हुए चमेलीवन आ गईं। माता को आता देख कर भगवान कृष्ण ने यहां स्थित कुंड में छलांग लगा दी थी। माता के वहां खड़े रहने के कारण वह हनुमान के वेश में प्रकट हुए तथा माता यशोदा ने उनकी हनुमान के रूप में पूजा-अर्चना की। उस दिन से इस कुंंड़ का नाम अंजनी कुंड रख दिया गया। मान्यता है कि इस कुंड से प्रकट हुई भगवान हनुमान की प्रतिमा को यहां स्थापति करके मंदिर का निर्माण किया गया। इस कुंड का वर्णन ब्रज भक्ति विलास नामक ग्रंथ में भी आता है। उल्लेखनीय है कि द ब्रज फाउंडेशन के पदाधिकारियों द्वारा इस 3 एकड़ में स्थित अंजनि कुंड में पानी लाने के लिए समीप स्थित उजीना ड्रेन से एक नाली खोद कर इस कुंड को लबालब भर दिया। इसके अलावा घाटों का निर्माण, पशुओं के पीने के पानी, कुुंड में जाने के पक्के रास्ते का निर्माण करके इसका सौंदर्यकरण किया गया है। मंदिर के महन्त कान्हा भैया का कहना है कि मंदिर में प्रत्येक शनिवार व मंगलवार को हनुमान की प्रतिमा पर चोला चढ़ाया जाता है।

