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सीईटी का परिणाम घोषित करने का रास्ता साफ

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा ग्रुप-सी भर्ती के लिए आयोजित सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) में नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले को लागू करने को लेकर चल रहे विवाद का पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को विराम लगा दिया। कोर्ट ने नॉर्मलाइजेशन...
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हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा ग्रुप-सी भर्ती के लिए आयोजित सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) में नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले को लागू करने को लेकर चल रहे विवाद का पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को विराम लगा दिया। कोर्ट ने नॉर्मलाइजेशन फार्मूले के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिससे परीक्षा का परिणाम घोषित करने का रास्ता साफ हो गया है।

उम्मीदवारों का मानना था कि नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला अलग-अलग शिफ्टों में परीक्षा के कठिनाई स्तर में अंतर को समायोजित करता है, लेकिन इससे कुछ छात्रों के अंक घट सकते हैं और कुछ को लाभ हो सकता है। इस कारण कई अभ्यर्थियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। रोहतक निवासी पवन कुमार और अन्य याचियों ने हाईकोर्ट में दावा किया था कि नॉर्मलाइजेशन फार्मूले से योग्य अभ्यर्थियों के साथ अन्याय होगा।

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याचिका में यह तर्क दिया गया था कि एक शिफ्ट का प्रश्न पत्र कठिन था जबकि दूसरी शिफ्ट का सरल, जिससे निष्पक्षता पर प्रश्न उठते हैं। जस्टिस संदीप मोदगिल की अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और पहले ही इस बारे में सभी जानकारी दी जा चुकी थी। आयोग के सदस्य भूपेंद्र चौहान ने बताया कि यह फार्मूला सेट पैटर्न और शिफ्ट के आधार पर तैयार किया गया है, और इससे पहले भी 2022 में इसी तरह के मामले अदालत में खारिज हुए थे।

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने हाईकोर्ट के फैसले के बाद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है, जिससे स्पष्ट हो गया कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया वैध और न्यायसंगत है। उन्होंने अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया कि जल्द ही परीक्षा का परिणाम घोषित किया जाएगा।

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