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मारकंडा नदी का जलस्तर 16 हजार क्यूसेक पर पहुंचा

शाहाबाद मारकंडा (निस) रविवार सुबह पहाड़ों में हुई बरसात का पानी मारकंडा नदी में पहुंचा। जिसके बाद नदी का जलस्तर शाम साढ़े 5 बजे तक 16 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया और अभी पानी का आना जारी था जो 18...
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शाहाबाद मारकंडा (निस)

रविवार सुबह पहाड़ों में हुई बरसात का पानी मारकंडा नदी में पहुंचा। जिसके बाद नदी का जलस्तर शाम साढ़े 5 बजे तक 16 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया और अभी पानी का आना जारी था जो 18 हजार क्यूसेक तक पहुंचने की उम्मीद है। यह चौथी बार है, जब बरसात का पानी मारकंडा में पहुंचा है। गेज रीडर रविंद्र ने बताया कि मुलाना में 37 हजार क्यूसेक पानी था जो अब वहां 33 हजार क्यूसेक रह गया। इसी प्रकार कालाअम्ब में 19 हजार क्यूसेक पानी था, जो अब घटकर 4 हजार क्यूसेक रह गया है। इस पानी की मार शाहाबाद से आगे गांव कठवा व इसके बीच पड़ने वाले निचाई क्षेत्र स्थित गांवों व कृषि भूमि पर पड़ती है, जहां पर सारा पानी जमा हो जाता है और फसलों को नुकसान पहुंचाता है। इस पानी की मार गांव कठवा में हुई है जहां रास्तों व खेतों में पानी चल रहा है। गेज रीडर रविंद्र कुमार ने बताया कि यह पानी कालाअंब से शाहाबाद पहुंचा है और यह बरसाती पानी है। यह पानी आगे निकल रहा है और जलस्तर फिलहाल बढ़ रहा है। गांव कठवा के पूर्व सरपंच अमरिंद्र सिंह कठवा ने बताया कि गांव कठवा में फसलें खराब होने का भय सताने लगा है। गांव के मेन रास्तों पर पानी चल रहा है जिसे केवल ट्रैक्टर द्वारा ही पार किया जा सकता है।  उन्होंने कहा कि लगभग 100 एकड़ में सूरजमुखी की फसल खड़ी है। खेतों में पानी जमा है, ऐसे में सूरजमुखी की फसल नहीं काटी जा सकती और यदि कोई किसान कटवाना चाहे तो फसल कटवाई की लेबर 3 गुणा ज्यादा मांगी जा रही है। इसी प्रकार धान की पौध भी पानी में डूबी खड़ी है।

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