ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 28 मई
कोरोना मरीजों के उपचार के लिए दी जा रही दवाइयों पर स्वामी रामदेव और आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के बीच छिड़ी बहस में अब राज्य के स्वास्थ्य व गृह मंत्री अनिल विज भी कूद पड़े हैं। पिछले सप्ताहभर से दोनों पक्षों के बीच चल रहे वाकयुद्ध पर विज ने कहा कि यह मौका एक-दूसरे के सहयोग करने का है। इस तरह से बहस करने का कोई औचित्य नहीं है।
दरअसल, पिछले दिनों रामदेव का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे कोरोना मरीजों को दी जा रही एलोपैथी दवाइयों व डॉक्टरों की चिकित्सा पद्धति पर सवाल उठा रहे थे। आईएमए ने इसका कड़ा विरोध किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ़ हर्षवर्धन तक को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने इसके लिए स्वामी रामदेव को पत्र भी लिखा। इस बीच रामदेव की प्रेस कांफ्रेंस भी हो चुकी है, लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा।
इस बीच, विज ने आयुर्वेद और एलोपैथी को लेकर छिड़ी बहस पर ट्वीट कर सभी पैथियों को एक-दूसरे का सहयोग करने की नसीहत दी है। विज ने कहा, ‘उपचार की भिन्न-भिन्न पद्धतियों को एक-दूसरे की विरोधी पद्धति न बनकर एक-दूसरे की सहयोगी पद्धति बनना चाहिए। आयुर्वेद और एलोपैथी को लेकर ये जो बहत छिड़ी हुई है, ये बंद होनी चाहिए’। विज ने कहा कि सभी पैथियां अपने-अपने स्थान पर महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विश्वभर में और हमारे देश मे कई प्रकार की पैथियां हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे यहां पर एलोपैथी, आयुर्वेद, सिद्धा, होम्योपैथी, नेचुरापैथी सहित कई प्रकार की पैथियां हैं। ये विरोधी पैथियां न होकर एक-दूसरे की सहयोगी पैथियां हैं। जहां एलोपैथी से इलाज हो सकता है, वहां एलोपैथी से और जहां आयुर्वेद से होता है वहां आयुर्वेद से या अन्य पैथी से इलाज होना चाहिए।
विज ने कहा कि सभी का महत्व है, इसलिए इस प्रकार का विवाद खत्म होना चाहिए। विज ने कहा कि ठीक-ठीक ढंग से कोरोना की दवा किसी भी पैथी मे अभी तक नहीं बनी है। उन्होंने कहा, सब सिम्टोमेटिक दवाइयां दे रहे हैं। चाहे वह एलोपैथी हो या आयुर्वेद। कोई भी ये दावा नहीं कर सकता कि कोरोना की ये दवाई है।
कोरोनिल पर हो चुका विवाद
विज के पास स्वास्थ्य के साथ आयुष विभाग भी है। हरियाणा सरकार ने पतंजलि योगपीठ के सहयोग से प्रदेश में कोरोना मरीजों को योगपीठ की ‘कोरोनिल’ दवाइयों की एक लाख किट बांटने का फैसला लिया है। इनका वितरण शुरू भी हो गया है। आईएमए ने इसका भी विरोध किया। इस पर विज ने कहा कि कोरोनिल किट का आधा खर्चा सरकार देगी और आधा पतंजलि योगपीठ उठाएगी। राज्य में आयुष के डॉक्टर भी हैं और गांव-गांव में डिस्पेंसरियां हैं। बहुत से लोग आयुर्वेदिक दवाइयों पर भरोसा रखते हैं।