Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

भाजपा और इनेलो के नापाक गठबंधन का हुआ भंडाफोड़ : दीपेंद्र

कहा-गोपाल कांडा के बयान से इनेलो व भाजपा की मिलीभगत का भी खुलासा
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
नयी दिल्ली में बृहस्पतिवार को सांसद दीपेंद्र हुड्डा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए।
Advertisement

रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा और इनेलो के नापाक गठबंधन का भंडाफोड़ हो चुका है। उन्होंने कहा कि गोपाल कांडा ने रहस्योद्घाटन किया कि खट्टर साहब की मेहरबानी व भाजपा और कांडा की मदद से अभय चौटाला के बेटे रानियां से विधायक बने। गोपाल कांडा के बयान से भाजपा और इनेलो के पर्दे के पीछे के घिनौने राजनीतिक षड्यंत्र का पर्दाफाश हो गया है और सच्चाई हरियाणा की जनता के सामने आ गई है।

दीपेंद्र ने कहा कि इनेलो को जब भी मौका लगा है उसने भाजपा की गोद में बैठने में एक पल की भी देरी नहीं की। इनके गुप्त गठबंधन और षड्यन्त्र ने किसानों, मजदूरों, नौजवानों समेत हर वर्ग के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बहुत बड़ा राजनीतिक स्कैंडल अंजाम दिया है। रोहतक सांसद बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर हिसार सांसद जयप्रकाश ‘जेपी’, सोनीपत सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, अंबाला सांसद वरुण चौधरी, नारनौंद विधायक जस्सी पेटवाड़, व कलायत विधायक विकास सहारण भी मौजूद रहे।

Advertisement

उन्होंने कहा कि बीजेपी, इनेलो, जजपा, हलोपा में कोई फर्क नहीं है, ये सभी एक थैली के चट्टे-बट्टे हैं। भाजपा ने हर चुनाव में इन्हीं बी-टीमों के सहारे मतदाताओं को धोखा दिया है। यही कारण है कि हरियाणा की राजनीति में इनेलो, जजपा, हलोपा का सफाया हो चुका है। सांसद ने कहा कि वे तो पहले से ही इस बात को लगातार कहते रहे हैं कि इनेलो भाजपा की पक्की कठपुतली है और विधानसभा चुनाव में इनेलो का भाजपा के साथ 3 सीटों का गुप्त समझौता था। ऐलनाबाद, डबवाली व रानियां विधानसभा सीट पर भाजपा इनेलो उम्मीदवारों के साथ थी और बाक़ी सभी सीटों पर इनेलो भाजपा के साथ। इसी तरह राज्य सभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ वोट देने के लिए कुछ लोग बीजेपी से मिले हुए थे, जिसका खुलासा कुछ समय पूर्व हुआ था और आज एक और सच जनता के सामने आ गया। इस तरह के षड्यन्त्रकारियों के कारण ही बीजेपी सत्ता पर काबिज हुई, जबकि हरियाणा की जनता सत्ता परिवर्तन चाहती थी।

दीपेंद्र ने कहा कि 2014 में इनेलो की 20 सीट आई थी, लेकिन 2019 के चुनाव में इनेलो 20 से घटकर 1 पर आ गई। इनेलो ने 5 साल तक विपक्ष की भूमिका निभाने की बजाय सत्ता पक्ष को खुश करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। जब और जहां मौका लगा इनेलो ने भाजपा का समर्थन किया।

इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी द्वारा हरियाणा की भाजपा सरकार के विरुद्ध लाये गये अविश्वास प्रस्ताव के हक में वोट न डालना पड़े, इसलिये अभय चौटाला ने अपनी एकमात्र सीट से इस्तीफा दिया।

Advertisement
×