सफीदों, 24 अप्रैल (निस)
टीजीटी पदों पर भर्ती के उम्मीदवार और कुछ बेरोजगार युवक कोसली से पंचकूला तक पैदल सड़क नाप रहे हैं। सड़क पर ही रात बिताने के लिए एक वाहन में गद्दे, बिस्तर व अन्य सामान है। बुधवार को इनका जत्था सफ़ीदों-जींद सड़क मार्ग के एक ढाबे पर रुका। इनमें शामिल हांसी के अंकित ने बताया कि उनकी यह पद यात्रा कोसली से चली थी। उनका लक्ष्य पंचकूला में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के कार्यालय के बाहर बैठकर उन 7471 उम्मीदवारों की तरफ से दुख प्रकट करना है, जो टीजीटी पदों के लिए परीक्षा दे चुके हैं, लेकिन सरकार उनके चयन को बेवजह टाल रही है। वे भी उन्हीं में शामिल हैं।
बेरोजगारों के इस पैदल यात्रा जत्थे में सोनीपत का बीपीएड वतन, हिसार के कोथ गांव का एमएससी मैथ्स रोहित, सोनीपत का विजेंद्र शास्त्री व सुशील पीएचडी तथा हांसी का बजरंग व अंकित शामिल हैं। रास्ते में अनेक स्थानीय बेरोजगार भी इनके साथ जुड़ रहे हैं, जो कुछ दूर तक साथ चलते हैं।
अंकित ने बताया कि उनके सीनियर सुरेंद्र रावत के मार्गदर्शन में यह यात्रा निकाली गई है। बीच रास्ते वे भाजपा के दफ्तरों में जाकर जमीन पर बैठ जाते हैं, यह दुख प्रकट करने के लिए कि सत्ता पक्ष के लोग कितनी भी चकाचौंध में हों, बेरोजगारों को तो रोटियों के लाले पड़े हैं। उसने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 15 सितंबर 2023 को यह भर्ती जल्दी निपटाने का आश्वासन दिया था। उसके बाद भी भर्ती नहीं हुई। वे मनोहर लाल, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष से मिलकर पद भरने की गुहार लगा चुके हैं। उसने बताया कि वे प्रदेश के 35 विधायकों, सभी लोकसभा सांसदों व राज्यसभा सांसदों से मिलकर ऐसी गुहार कर चुके हैं, लेकिन कहीं से कोई सहायता नहीं मिली।
वतन ने कहा कि पदयात्रा के दौरान गम और थकान कम करने में अनेक लोग उन्हें सहानुभूति की राहत दे रहे हैं। निश्चित रूप से यह यात्रा कुछ पीड़ा के साथ नया सुखद अनुभव भी किसी हद तक किसी न किसी रूप में उन्हें दे रही है। विजेंद्र शास्त्री का कहना था कि उनके साथ सरकार की यह सरासर नाइंसाफी है। जब पद भरने की मंशा नहीं थी तो क्यों रिक्तियां घोषित की और क्यों परीक्षा
लेकर भी बेरोजगारों को तरसाया जा रहा है।