अम्बाला शहर (हप्र) : आज सुबह से ही आकाश में छाए बादल जब बरसे तो अपने साथ ओलावृष्टि भी लेकर आए। इससे एकाएक ठंड बढ़ गई और लोगों को आनन-फानन में गर्म कपड़े तक निकालने पड़े। यह बरसात किसानों के लिए बड़ी मुश्किल लेकर आई और मंडियों में खुले में पड़ा धान भीगने के साथ-साथ अव्यवस्था के चलते तिरपालों के नीचे ढका धान भी भीग गया। क्षेत्र में अभी 40 प्रतिशत से ज्यादा धान की कटाई की जानी है, जिसके लिए किसान अपनी तैयारी में लगे हुए हैं। पंजाब की आवक को हरियाणा में बिकने की अनुमति नहीं मिलने से आढ़ती पहले से ही खाली बैठे थे, अचानक बेमौसमी बरसात ने उनकी भी मुसीबतें बढ़ा दी हैं। अब मंडी में बकाया फसल आने में कई दिन की देरी हो जाएगी। किसान फिलहाल खेतों में गेहूं और सरसों की बिजाई भी कर रहे हैं। भाकियू के ब्लाक-1 के प्रधान सुखविंद्र सिंह जलबेड़ा की मानें तो जिन किसानों ने हाल ही में 2 दिन पहले तक सरसों की बिजाई की है, उन्हें नये सिरे से फसल बीजनी पड़ेगी। खतों में पानी खड़ा हो जाने से अथवा नमी आ जाने से धान की कटाई नहीं हो सकेगी।
एकाएक ठंडक बढ़ने से आमजन भी परेशान : आज क्षेत्र में गर्जना के साथ बरसात पड़ती रही। कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हुई। अचानक हुई बरसात ने वातावरण में ठंडक बढ़ा दी, पंखे, एसी चलाने बंद करके गर्म कपड़े खंगालने पड़े। रविवार होने के कारण वैसे ही लोग अपने घरों में दुबके पड़े थे, लेकिन करवा चौथ के महत्वपूर्ण व्रत के दिन मौसम के खराब होने से सुहागिनों को चांद के दर्शन कब पाएंगे, इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति बन चुकी है।
जिला की सभी मंडियों में बरसात की संभवना को देखते हुए पहले से ही फसल को तिरपालों से ढकवाने की व्यवस्था कर ली गई थी, जिस कारण कहीं से किसी प्रकार के नुकसान का समाचार नहीं आया। खेतों में खड़ी फसल को काटने में देरी हो सकती है। जब भी किसान मंडियों में लेकर आएंगे, मानकों के अनुसार खरीद लिया जाएगा।
-राधेश्याम शर्मा,
डीएमईओ, अम्बाला।