चंडीगढ़, 22 फरवरी (ट्रिन्यू)
कोरोना काल के दौरान जमीनों की रजिस्ट्री में हुए कथित घोटाले में रेवेन्यू डिपार्टमेंट के नोटिस का सामना कर रहे प्रदेश के पटवारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के फैसले को वापस ले लिया है। मंगलवार को द रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला से मुलाकात की। डिप्टी सीएम के साथ करीब 45 मिनट चली बैठक में संतुष्ट हुए पटवारियों ने हड़ताल का फैसला वापस ले लिया। इस दौरान उन्होंने अपनी अन्य मांगों को लेकर भी ज्ञापन सौंपा। दरअसल, प्रदेश मंडलायुक्तों की ओर से रजिस्ट्री में धांधली को लेकर आई रिपोर्ट के बाद सरकार ने पहले चरण में करनाल और गुरुग्राम मंडल के तहत आने वाले रेवेन्यू अधिकारियों को नोटिस जारी किए थे। चार मंडलों – फरीदाबाद, रोहतक, हिसार व अम्बाला में यह कार्रवाई होनी अभी शेष है। साठ हजार के करीब ऐसे रजिस्ट्री के मामले हैं, जिनमें अर्बन एरिया डेवलपमेंट एक्ट के नियम-7ए का उल्लंघन हुआ है। नियम-7ए के तहत ही सरकार ने पटवारियों सहित अन्य रेवेन्यू अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। डिप्टी सीएम से मुलाकात के दौरान पटवारियों ने कहा कि नियम-7ए की रजिस्टि्रयों में उनकी किसी तरह की भूमिका नहीं है। पटवारियों को नोटिस देने का कोई औचित्य नहीं है।
एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष जयबीर चहल ने कहा कि पदाधिकारियों ने उपमुख्यमंत्री से मांग की है कि पटवारियों को इस मामले से बाहर रखा जाए। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में पटवारियों की प्रमोशन लंबित है। कई पटवारियों की रिटायरमेंट भी नजदीक है। नोटिस के चलते उनके सभी काम रुक जाएंगे।