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फॉर्मेल्डिहाइड इकाइयों पर लटकी प्रदूषण की तलवार

ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसले से प्रभावित होगा प्लाईवुड उद्योग
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सुरेंद्र मेहता/हप्र

यमुनानगर, 25 जून

यमुनानगर जिले में 12 फॉर्मेल्डिहाइड इकाइयां हैं, जिनमें से आठ पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तलवार लटक गई है। ये इकाइयां काफी समय से बिना पर्यावरण मंजूरी के चल रही हैं। ऐसे में अब स्थानीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन इकाइयों को जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 44/45-ए एवं 33-ए तथा वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 37/39 एवं 31-ए के अंतर्गत अभियोजन एवं समापन कार्रवाई के लिए कारण बताओ नोटिस तथा संचालन की सहमति वापस लेने के साथ पर्यावरण क्षतिपूर्ति लगाने के लिए कारण बताओ नोटिस दिया है। यदि ये इकाइयां प्रदूषण बोर्ड के मापदंडों पर खरा नहीं उतर पाई तो जिले का प्लाईवुड उद्योग भी काफी प्रभावित हो जाएगा। चूंकि पूरा प्लाईवुड उद्योग फॉर्मेल्डिहाइड पर ही टिका है, ऐसे में यदि फॉर्मेल्डिहाइड इकाइयां बंद हुईं तो बचे 160 प्लाईवुड उद्योग भी बंद हो सकते हैं। मंदी के चलते 190 प्लाईवुड उद्योग पहले ही बंद हो चुके हैं।

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इन फॉर्मेल्डिहाइड इकाइयों को दिया गया नोटिस

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से मैसर्स ग्लोब पैनल इंडस्ट्रीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (यूनिट-3), औद्योगिक क्षेत्र, यमुनानगर, मैसर्स गुरुजी ओवरसीज, खजूरी रोड, गांव जठलाना, मैसर्स केमवुड इंडस्ट्रीज, गांव भगवानपुर, खारवन रोड, जगाधरी, मैसर्स डिसेंट ड्रग्स प्राइवेट लिमिटेड, सलेमपुर, बांगर रोड, छछरौली, मैसर्स पाहवा प्लास्टिक प्राइवेट लिमिटेड, गांव जठलाना, रादौर, मैसर्स सांवरिया पॉलिमर इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड (पुराना नाम जय भारत पॉलिमर एंड केमिकल्स), प्लॉट नंबर 211 एचएसआईडीसी मानकपुर जगाधरी, मैसर्स एप्कोलाइट पॉलिमर प्राइवेट लिमिटेड, गांव- घेसपुर, 21 किलोमीटर रोड लाडवा रोड रादौर तथा मैसर्स सिनोकैम ऑर्गेनिक्स प्राइवेट लिमिटेड। प्लॉट नंबर 54, एचएसआईडीसी, औद्योगिक एस्टेट, मानकपुर जगाधरी को नोटिस दिया गया है। उधर, फॉर्मेल्डिहाइड इकाई के मालिकों को नोटिस मिलने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। यदि ईसी नहीं ली गई तो उनका कारोबार बंद हो जएगा।

फॉर्मेल्डिहाइड के लिए ईसी इसलिए आवश्यक

फॉर्मेल्डिहाइड एक खतरनाक रसायन है, जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके संपर्क में आने से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें कैंसर, आंखों, नाक और गले में जलन, खांसी, घरघराहट, त्वचा में जलन, और एलर्जी शामिल है। इसलिए फॉर्मेल्डिहाइड इकाई के लिए पर्यावरण की मंजूरी आवश्यक है।

प्लाईवुड में उपयोग होता है फॉर्मेल्डिहाइड

प्लाईवुड में फॉर्मेल्डिहाइड का उपयोग मुख्य रूप से रेजिन (गोंद) के रूप में किया जाता है। यह प्लाईवुड की परतों को एक साथ चिपकाने और प्लाईवुड को संरचनात्मक ताकत और नमी प्रतिरोध प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है। वहीं, प्लाईवुड फैक्टरी एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष जेके बिहानी का कहना है बिना फॉर्मेल्डिहाइड के प्लाईवुड कुछ भी नहीं है। इसी पर उद्योग टिका हुआ है। इसका उपयोग रेजिन बनाने में आता है। यदि ये फॉर्मेल्डिहाइड इकाइयां बंद हुई तो प्लाईवुड उद्योग भी काफी प्रभावित हो जाएगा।

''12 में से आठ फॉर्मेल्डिहाइड इकाई को नोटिस दिए जा चुके हैं। यदि मालिकों अपनी इकाई को चलाना है तो ईसी को लेना ही होगा। मालिकों को समय दिया गया है, यदि मापदंड को पूरा नहीं किया तो उन्हें क`लोजर का नोटिस भेजा जाएगा।''

-सुधीर मोहन, कार्यकारी आरओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, यमुनानगर

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