हिसार, 8 जुलाई (निस)
प्रदेश के किसानों के लिए हकृवि के वैज्ञानिकों ने गन्ने की ऐसी किस्म विकसित की है, जो शरद एवं बसंत दोनों सीजन में पैदावार देगी, जिसकी शर्करा उच्च क्वालिटी की होगी और पकने में समय भी कम लेगी, जिसकी पैदावार 838 क्विंटल प्रति हेक्टेयर आंकी गई है। इस उन्नत अगेती गन्ने की किस्म को सीओएच 160 के नाम से विकसित किया गया है। इस किस्म को विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र उचानी, करनाल के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। विश्वविद्यालय द्वारा विकसित इस किस्म को भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कृषि एवं सहयोग विभाग की ‘फसल मानक, अधिसूचना एवं अनुमोदन केंद्रीय उप-समिति’ द्वारा नई दिल्ली में आयोजित 86वीं बैठक में हरियाणा प्रदेश के लिए अधिसूचित किया गया है। विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. एसके सहरावत ने बताया कि सीओएच 160 एक बहुमुखी किस्म है, जो शरद ऋतु और वसंत दोनों ऋतुओं में बोई जा सकती है। इस किस्म में अन्य किस्मों की तुलना में सिफारिश की गई एनपीके की मात्रा 25 प्रतिशत तक अधिक डाल सकते हैं ताकि उत्पादन अधिक हासिल हो सके।