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विश्व के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी योग महाकुंभ की गाथा : सुभाष सुधा

पूर्व मंत्री बाेले- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर इस रिकाॅर्ड के साक्षी बनेंगे कुरुक्षेत्रवासी, सीएम होंगे मुख्यातिथि
कुरुक्षेत्र में कार्यक्रम के आयोजन को लेकर कार्यकर्ताओं को निर्देश देते पूर्व मंत्री सुभाष सुधा।  -हप्र
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कुरुक्षेत्र, 11 जून (हप्र)

पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने कहा कि विश्व इतिहास में कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर 21 जून को होने वाला योग महाकुंभ स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर कुरुक्षेत्र में होने वाले राज्य स्तरीय योग दिवस के हर लम्हें पर हिन्दुस्तान की नजर होगी। इस बार योग दिवस पर एक लाख से ज्यादा लोग ब्रह्मसरोवर आइक्रोनिक स्थल पर एक साथ योगा करेंगे। इस दिन कुरुक्षेत्र के साथ-साथ हरियाणा का नाम गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकाॅर्ड में दर्ज किया जाएगा। अहम पहलू यह है कि कुरुक्षेत्र के लोग इस नए रिकॉर्ड के साक्षी बनेंगे।

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सुभाष सुधा ने कहा कि ये कार्यक्रम प्रशासनिक कार्यक्रम न होकर सार्वजनिक कार्यक्रम है। इसमें मुख्यमंत्री नायब सैनी स्वयं की संवेदनाओं से जनभागीदारी के लिए लगे हुए हैं। हरियाणा वालों ने पूरी दुनिया को योग सीखाकर ही योग गुरु का दर्जा हासिल किया है। 21 जून को अनुशासन और प्रोटोकॉल के साथ योग करके गिनीज बुक में विश्व रिकॉर्ड दर्ज करना है, इसके लिए जिला प्रशासन ने आवेदन भी कर दिया है। सभी ने मिलकर इस रिकॉर्ड को बनाने में अपना-अपना महत्वपूर्ण योगदान देना है। उन्होंने कहा कि 21 जून को योग करने के लिए थानेसर के हजारों लोगों ने ऑनलाइन माध्यमों से पंजीकरण किया है। पूर्व राज्यमंत्री ने कहा कि योग ऋषि स्वामी रामदेव ने योग को बनाए रखने का काम किया है। अब ऐसे ऋषि का भगवान श्रीकृष्ण की धरा धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में 21 जून को आना कुरुक्षेत्र वासियों के लिए बड़े गर्व की बात है।

त्योहार की तरह योग दिवस को मनायें

पूर्व राज्यमंत्री सुधा ने नगर पार्षदों, सरपंचों, सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों और कुरुक्षेत्र वासियों से अपील की कि 21 जून को सभी अपनी निंद्रा छोड़कर सुबह 4 बजे ब्रह्मसरोवर व मेला ग्राउंड में पहुंचकर योग के इस महान यज्ञ में उपस्थिति दर्ज करवाएं। इस अभियान में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़े और जिसको जो जिम्मेदारी दी जाएगी, उसको प्रमुखता के साथ निभाने का काम करें। ये केवल मात्र योग दिवस नहीं बल्कि एक मेला है। जिस प्रकार हम दीपावली, होली, भाईदूज जैसे त्योहारों को मनाते हैं, इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को भी उसी प्रकार मनाया जाए।

 

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