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राइस मिलर्स की मांगों को लेकर सीएम से मिले एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष

सीएमआर कार्य व बोनस राइस डिलीवरी का रि-शेड्यूलिंग का मुद्दा उठाया
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कैथल के राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा सीएम नायब सैनी से मुलाकात करते हुए।  -हप्र
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कैथल, 15 मई (हप्र)

मुख्यमंत्री नायब सैनी से सीएम आवास पर हरियाणा प्रदेश राइस मिलर्स एंड डिलर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने मुलाकात की और सीएमआर वर्ष 2024-25 में आ रही समस्याओं के समाधान को लेकर मांग पत्र सौंपा। छाबड़ा ने मुख्यमंत्री को राइस मिलर्ज को आ रही समस्याओं, बोनस राइस डिलीवरी की रि-शेड्यूलिंग व अन्य मुद्दों के बारे में बताया। जिस पर मुख्यमंत्री ने तुरंत संबंधित अधिकारियों को निर्देश देकर समाधान करने के आदेश जारी किए। अमरजीत छाबड़ा ने पूरे हरियाणा प्रदेश राइस मिलर्ज एंड डिलर्ज एसोसिएशन की तरफ मुख्यमंत्री का आभार जताया। पत्रकारों से बातचीत में छाबड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री को सौंपे गए मांग पत्र में अवगत करवाया गया कि मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश में वर्ष 2024-25 का सीएमआर कार्य लगभग 85 प्रतिशत पूरा हो चुका है, लेकिन अभी मिलर्स के कई मुद्दे जिनके समाधान की सरकार ने पहले हामी भर ली थी, लेकिन उनका हल अभी तक नहीं हुआ है। जैसे सीएमआर कार्य इस बार 45 दिन देरी से शुरू हुआ, एफसीआई में जगह की कमी और गेहूं के सीजन के कारण कार्य रुकने इत्यादि के कारण अभी तक 85 प्रतिशत समाप्त हुआ। एफसीआई में चावल लगाने की जगह भी हर स्टेशन पर एक समान नहीं है। पिछले वर्ष भी इन्हीं समस्याओं के कारण चावल का कोटा सरकार ने 30 जून तक किया था। हमने सीजन के शुरू में ही सरकार से महीने अनुसार चावल लगवाने का कोटा पिछले वर्ष की तरह करने की बात कही थी, लेकिन यह कोटा अभी तक बन कर नहीं आया।

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सीएमआर कार्य पर बोनस राशि बढ़ाने की मांग

प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि मांग पत्र में मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया कि सीएमआर कार्य समय पर पूरा करने के लिए सरकार जो बोनस देती है, जिसके बारे में मुख्यमंत्री ने 10 अक्तूबर 2024 को अपने निवास पर मीटिंग में कहा था कि इस बार यह राशि बढ़ा कर देंगे, लेकिन अभी तक सरकार ने घोषित नहीं किया। बोनस की समय सीमा को 30 जून तक निश्चित किया जाए। इसी तरह राइस मिलर द्वारा धान को संभालने के लिए तिरपाल और कैरेट की व्यवस्था करनी पड़ती है, लेकिन पिछले तीन वर्षों से राइस मिलर को तिरपाल और कैरेट का किराए नहीं दिया गया। यह किराया 15-15 रुपए प्रति टन धान के हिसाब से मिलता है। सभी मुद्दों पर मुख्यमंत्री ने जल्द समाधान का आश्वासन दिया।

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