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जीएसटी सुधारों से प्रदेश को मिली 4 हजार करोड़ की राहत : नायब सैनी

गरीब, मध्यम वर्ग, किसान और मजदूरों को मिलेगा सीधा फायदा, मकान और वाहन होंगे किफायती
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मुख्यमंत्री नायब सैनी।
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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जीएसटी की 56वीं बैठक में लिए गए फैसलों से आम जनता, किसानों, मजदूरों और मध्यम वर्ग को सीधी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि अब जीएसटी की केवल दो मानक दरें 5 और 18 प्रतिशत लागू रहेंगी। रोजमर्रा की वस्तुओं, खाद्य पदार्थों, दवाइयों, कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों पर टैक्स घटाया गया है। वहीं, हानिकारक वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाकर 40 प्रतिशत किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सुधारों से महंगाई घटेगी, रोजगार बढ़ेंगे और आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा। उन्होंने यह भी बताया कि दरों में बदलाव से हरियाणा को 4 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राहत मिलेगी। इसका सीधा असर गरीबों, किसानों और आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। शनिवार को चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री की सोच ‘वन नेशन, वन टैक्स, वन मार्केट’ अब साकार हो रही है।

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दो स्लैब में सिमटा जीएसटी

जीएसटी काउंसिल ने कर ढांचे को सरल बनाते हुए 12 और 28 प्रतिशत की दरें समाप्त कर दी हैं। अब केवल 5 और 18 प्रतिशत की दरें लागू होंगी। तंबाकू, सिगरेट, पान मसाला और कैफीनयुक्त पेय जैसे अहितकारी उत्पादों पर 40 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि इस कदम से कर प्रणाली अधिक पारदर्शी बनेगी और मुकदमेबाजी भी कम होगी। आम नागरिकों द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं पर टैक्स दरें कम की गई हैं। कुछ उत्पादों पर जीएसटी पूरी तरह हटा दिया गया है। कपड़ा और उर्वरकों पर ड्यूटी समाप्त कर दी गई है। पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाते हुए तीन दिन में स्वत: पंजीकरण की सुविधा दी गई है। साथ ही प्रोविजनल रिफंड भी निश्चित समय पर मिलेगा।

खाद्य पदार्थों पर राहत

सीएम ने बताया कि बैठक में रोजमर्रा की खपत वाले खाद्य पदार्थों को विशेष राहत दी गई। पैकेट दूध और पनीर पर जीएसटी हटा दिया गया है। घी, मक्खन और सूखे मेवों पर दर 12 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई। रोटी और परांठे पर टैक्स पूरी तरह माफ किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ेंगे और उपभोक्ताओं को सीधे लाभ होगा। नायब सैनी ने कहा कि हरियाणा जैसे कृषि प्रधान राज्य के लिए ये फैसले बेहद अहम हैं।

सिंचाई और जुताई उपकरणों पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 प्रतिशत की है। उर्वरक इनपुट्स पर 5 प्रतिशत जीएसटी की है। वहीं 1800 सीसी तक की क्षमता वाले ट्रैक्टर पर दर 12 से घटाकर 5 प्रतिशत और बड़े ट्रैक्टरों पर टैक्स 28 से घटाकर 18 प्रतिशत की गई है। सैनी ने कहा कि इससे किसानों की लागत घटेगी, आधुनिक कृषि मशीनरी अपनाने में आसानी होगी और टिकाऊ खेती को बढ़ावा मिलेगा।

नवीकरणीय ऊर्जा और वस्त्र उद्योग को फायदा

सौर ऊर्जा और नवीकरणीय उपकरणों पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है। इससे स्वच्छ ऊर्जा की लागत घटेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में इसके उपयोग को प्रोत्साहन मिलेगा। वस्त्र उद्योग को भी बड़ी राहत दी गई है। धागे और कपड़े जैसे इनपुट पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है। सिलाई मशीन पर टैक्स 18 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी पूरी तरह हटा दिया गया है। डायग्नोस्टिक किट पर 5 प्रतिशत टैक्स तय किया गया है। स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर भी जीएसटी शून्य कर दिया गया है। सैनी ने कहा कि इन फैसलों से इलाज की लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी और गरीब-मध्यम वर्ग को सस्ती स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

वाहन और मकान होंगे सस्ते

काउंसिल ने मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए वाहन और मकानों पर टैक्स घटाया है। छोटी कारों (पेट्रोल 1200 सीसी, डीजल 1500 सीसी तक) पर दर 28 से घटाकर 18 प्रतिशत की है। 350 सीसी से अधिक बाइक पर टैक्स 18 प्रतिशत ही रहेगा। सीमेंट पर टैक्स 28 से घटाकर 18 प्रतिशत किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बदलावों से मध्यम वर्ग के लिए गाड़ियां सस्ती होंगी और मकान बनाने की लागत घटेगी। इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को भी गति मिलेगी।

हरियाणा में बढ़ा जीएसटी संग्रह

सैनी ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद से हरियाणा का कर संग्रह लगातार बढ़ा है। 2018-19 में शुद्ध जीएसटी संग्रह 18,910 करोड़ रुपये था। 2024-25 में यह बढ़कर 39,743 करोड़ रुपये हो गया। हरियाणा अब देश में जीएसटी संग्रह करने वाले शीर्ष पांच राज्यों में शामिल है। वित्त वर्ष 2025-26 में राज्य का शुद्ध एसजीएसटी संग्रह 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।

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