भिवानी, 21 जून (हप्र)
गुरुकुल झज्जर में कथित तौर पर कुकर्म का शिकार हुए एक बालक के परिजनों ने आज भारी मन से यह कहते हुए भिवानी में अपना घर छोड़ दिया कि बेटे के केस की न्यायालय में पैरवी के दौरान उन पर पड़ रहे निरंतर दबाव के चलते वे ऐसा करने पर मजबूर हैं। पीड़ित बालक के पिता जो कि भिवानी की कपड़ा मिल में बतौर मजदूर कार्यरत रहे हैं, का कहना है कि जब तक उनके बेटे को न्याय नहीं मिलता वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
उन्होंने झज्जर गुरुकुल के प्राचार्य विजय पाल पर अनैतिक कार्यों में शामिल होने तथा अनैतिक कार्य करने वालों को संरक्षण देने के गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए गुरुकुल में सरकारी प्रशासक नियुक्त करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि गुरुकुल में शिक्षा देने की बजाय बड़ी संख्या में अनैतिक कार्य होते हैं जिसका शिकार उसका पुत्र भी हो चुका है। इन अनैतिक कार्यों के खिलाफ आवाज उठाने का साहस जो भी करता है उसे प्रताड़ित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि मेरा बेटा 2015 में गुरुकुल झज्जर में पढ़ता था जो कि वहां के आचार्य के कुकर्म का शिकार हुआ। उसी दौरान दो अन्य बच्चों के कुकर्म का मामला भी सामने आया था। धन-बल के दबाव के चलते प्राचार्य के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया, जबकि वे पूरे मामले में संलिप्त थे। पुलिस ने केवल एक आचार्य के खिलाफ ही मामला दर्ज करके इतिश्री कर ली। मुझ पर निरंतर मामला वापस लेने का दबाव बनाया जाता है। आए दिन धमकियां मिलती हैं, इन्हीं धमकियों से तंग आकर मैंने हरियाणा छोडऩे का फैसला लिया।
गौरतलब है कि गत दिनों झज्जर गुरुकुल में एक अनुसूचित जाति के बालक को प्रताड़ित करने का मामला भी सुर्खियों में आया था। इस मामले में अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधिमंडल कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदेश के राज्यपाल से भी मिला था।
सभी आरोप बेबुनियाद : प्राचार्य
गुरुकुल के प्राचार्य विजय पाल ने सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए बेबुनियाद करार दिया। उन्होंने कहा कि मामला न्यायालय में है और किसी प्रकार के हस्तक्षेप का प्रश्र ही नहीं उठता। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे बिना बातबीच घसीटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि लगता है बच्चे का पिता किसी बहकावे में आकर संस्था की छवि खराब कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जब कभी भी किसी बच्चे अथवा अभिभावक की ओर से शिकायत प्राप्त होती है तो उसकी जांच की जाती है और आवश्यक कार्रवाई की जाती है।