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सरस्वती नदी की रिचार्जिंग व्यवस्था से 10 किमी तक भूजल स्तर का गिरना थमा

किसानों ने अपने ट्यूबवैलों में नहीं डाले पाइप, 3 साल से सरस्वती में छोड़ा जा रहा पानी
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कुरुक्षेत्र, 5 जुलाई (हप्र)

सरस्वती हेरिटेज विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच ने कहा कि पिछले तीन साल से सरस्वती नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। इसके साथ ही रिचार्ज बोर लगाए जा रहे हैं। रिचार्ज बोर के अलावा सरस्वती नदी पर दीवार, घाट और अन्य विकासात्मक कार्य करवाये जा रहे हैं। इन कार्यों के परिणाम सामने आने शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा फायदा किसानों को अपने खेतों में घटते भूजल स्तर का सामना नहीं करना पड़ रहा है। नदी के 10 किलोमीटर मीटर के क्षेत्र में आने वाले किसानों के ट्यूबवैल से बिना पाइप बढ़ाए ही लगातार पानी आ रहा है। वे शनिवार को गांव रामपुरा में किसानों के साथ चर्चा कर रहे थे। किसानों ने इस दौरान सरस्वती हेरिटेज विकास बोर्ड, हरियाणा सरकार और जिला प्रशासन का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वो सरस्वती नदी के विकास को लेकर बोर्ड को सहयोग करें। बोर्ड द्वारा आने वाले समय में भी ऐसे कार्य किए जाएंगे।

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रामपुरा गांव के किसानों ने बताया कि किसानों को अपनी खेत के सबमर्सिबल पंपों में खेती करने के लिए हर बार धान की रोपाई से पहले 10 फीट का पाइप डालना पड़ता था, क्योंकि हर साल पानी का जल स्तर नीचे चला जाता था, लेकिन पिछले तीन साल से उन्हें पाइप डालने की जरूरत नहीं पड़ी। उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी पर 3 साल से मुख्यमंत्री नायब सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और डिप्टी चेयरमैन सरस्वती बोर्ड धुम्मन सिंह किरमच ने पानी को छोड़ा हुआ है। इस क्षेत्र में जितना भी रिचार्जिंग सिस्टम सरस्वती बोर्ड ने लगाया है, उसका सीधा किसानों को फायदा हो रहा है।

उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब सरस्वती की वजह से इस क्षेत्र का डार्कजोन खत्म हो जाएगा। किसानों ने सरकार और प्रशासन का आभार व्यक्त किया।

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