जगाधरी, 1 नवंबर (निस)
सरकार के प्रतिबंध के बाद भी फसलों के अवशेष जलाने का सिलसिला जारी है। किसान दिन-रात पराली फूंककर वातावरण को जहरीला करने में लगे हुए हैं। वहीं, अधिकारी कार्रवाई जारी रहने की बात कह रहे हैं। अब 95 फीसदी से ज्यादा धान की फसल की कटाई हो चुकी है। नीचे गिरी फसल इक्का-दुक्का खेतों में अभी भी खड़ी है। वहीं किसान रोक की परवाह न कर फसलों के अवशेष जलाने में लगे हुए हैं। जगाधरी, बूडिया, खारवन, बिलासपुर रोड, दादुपुर, पुराना सहारनपुर रोड़, बीकेडी रोड़ आदि इलाकों में रोज पराली में आग लगाई जा रही है। फसलों के अवशेष जलाने वालों पर कार्रवाई के तहत एफआईआर भी हो सकती है, लेकिन इस सीजन में अभी तक तो ऐसा नहीं हुआ है। आसमान में स्माग होने से शाम से पहले ही अंधेरा लगने लगता है। प्रदूषित वातावरण से सांस आदि की बीमारियों से ग्रस्त लोगों को ज्यादा दिक्कत हो रही है।
कार्रवाई जारी है : कृषि विभाग के उपनिदेशक
कृषि विभाग के उप निदेशक डा. जेएस सैनी का कहना है कि फसल अवशेष जलाने वालों पर पैनी नजर रखी जा रही है। ऐसे किसानों के चालान कर जुर्माना वसूली का काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि अब जिले में 88 केस फसल अवशेष जलाने के सामने आ चुके हैं। इनसे एक लाख 11 हजार रुपये की राशि बतौर जुर्माना वसूली जा चुकी है।
डा. सैनी का कहना है कि नोटिस देने के बाद जुर्माना न देने पर एफआईआर करने का प्रावधान है।