चंडीगढ़, 18 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा की 14वीं विधान सभा का दूसरा बजट सत्र कई मामलों में ऐतिहासिक रहा। 9 दिनों में हुई 11 बैठकों में कुल 45 घंटे 42 मिनट कार्यवाही चली। अरसे बाद पहली बार हुआ जब सदन की कार्यवाही एक बार भी स्थगित नहीं करनी पड़ी। इतना ही नहीं, पूरे सत्र में किसी भी विधायक को नेम नहीं किया गया।
एक बिल प्रवर समिति को भेजा गया। प्रवर समिति को बिल भेजने की घटना दो दशक में पहली बार हुई है। सत्रावधि में कुल 4 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी कार्यवाही का हिस्सा बने। खास यह भी रहा कि प्रत्येक विधेयक के पेश करने और पारित करने के दिन अलग-अलग रहे। ऐसा इसलिए किया गया ताकि सभी सदस्य इनके प्रारूप का ठीक से अध्ययन कर सकें। प्रत्येक विधेयक को विधायकों को पांच-पांच बार भेजा गया। बजट सत्र की समाप्ति पर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों को विस्तार से जानकारी दी। बजट सत्र 5 मार्च से शुरू हुआ जो 18 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दौरान 9 घंटे 48 मिनट राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की गई। इस चर्चा में भाजपा विधायकों ने 4 घंटे 15 मिनट, जजपा ने 1 घंटा 18 मिनट, कांग्रेस ने 3 घंटे 30 मिनट, निर्दलीय विधायकों ने 45 मिनट चर्चा में हिस्सा लिया।
इस समयावधि में भाजपा के 21, जजपा के 6, कांग्रेस के 20 और 6 निर्दलीय विधायकों ने अपने विचार रखे। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने वित्त मंत्री के रूप में 12 मार्च को बजट प्रस्तुत किया। 15 और 16 मार्च की बैठकों में बजट पर जमकर चर्चा हुई। बजट पर कुल 10 घंटे 13 मिनट तक चर्चा हुई, जिसमें 50 विधायकों ने हिस्सा लिया। इन 50 विधायकों में भाजपा के 20, जजपा के 6, कांग्रेस के 18 तथा 6 निर्दलीय विधायक शामिल रहे। इन दलों को क्रमश: 4 घंटे 48 मिनट, 1 घंटा 5 मिनट, 3 घंटे 14 मिनट तथा एक घंटा 6 मिनट का समय दिया गया। मुख्यमंत्री ने बजट पर एक घंटा 38 मिनट पर इस चर्चा का जवाब दिया। इस दौरान प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे 10 मार्च की कार्यवाही में शामिल किया गया। प्रस्ताव पर 5 घंटे 55 मिनट पर जोरदार चर्चा हुई। इस पर सत्ताधारी भाजपा के 8 और जजपा 4, हलोपा के एक और 2 निर्दलीय विधायकों ने सरकार की उपलब्धियां गिनवाई। कांग्रेस की ओर से 8 और 2 निर्दलीय विधायकों ने प्रस्ताव के समर्थन में अपनी बात रखी।
16 विधेयकों में से 14 को सदन ने किया बहुमत से पारित
बजट सत्र के दौरान 16 विधेयकों में 14 को सदन ने बहुमत से पारित कर दिए। बिल क्रमांक 8 हरियाणा खेल विश्वविद्यालय अधिनियम 13 मार्च को वापस कर दिया गया तथा इसके बाद इसी नाम से बिल क्रमांक 15 प्रवर समिति को भेज दिया गया। प्रवर समिति को बिल भेजने की घटना दो दशक में पहली बार हुई है। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि यह सत्र बिजनेस की दृष्टि से काफी अच्छा रहा।