दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 18 सितंबर
कृषि विधेयकों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल के केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जहां पंजाब की राजनीित में उबाल आया हुआ है, वहीं अब हरियाणा की सियासत भी गरमा गई है। शिअद नेता एवं पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल द्वारा भी इस संदर्भ में बयान दिया है, जिससे सियासी पारा चढ़ रहा है। इस बीच, डिप्टी सीएम एवं जननायक जनता पार्टी (जजपा) नेता दुष्यंत सिंह चौटाला ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से इस मुद्दे पर मुलाकात की।
किसानों के आंदोलन व विपक्षी दल के आरोपों से जजपा घिरी हुई है। सूत्रों का कहना है कि दुष्यंत चौटाला किसान आंदोलन, पिपली में लाठीचार्ज और कृषि से जुड़े तीन विधेयकों के मुद्दे पर ही सीएम से मिले। करीब पौना घंटा दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई। दुष्यंत की सीएम से मुलाकात के बाद जजपा नेता दिग्विजय सिंह चौटाला ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि डिप्टी सीएम ने किसानों की सभी आशंकाओं पर सीएम से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि अब तो खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कह दिया है कि किसानों की फसलों को एमएसपी पर ही खरीदा जाएगा। सीएम भी कह चुके हैं कि मंडियों को खत्म नहीं किया जाएगा और न ही किसानों की फसलों को खरीदने में किसी तरह की कोताही होगी।
बावजूद इसके जजपा के खिलाफ विपक्षी दल ही नहीं, सोशल मीडिया पर भी प्रचार तेज हो गया है। पार्टी की आईटी विंग विरोधियों का जवाब दे रही है। कई नेताओं ने तो हरसिमरत कौर की तर्ज पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की है।
मालूम हो, शिअद नेता सुखबीर सिंह बादल पहले ही बयान दे चुके हैं कि उन्होंने उन सभी पार्टियों के नेताओं से बात की थी, जिनके साथ उनके विचार मिलते हैं। इसे सीधे तौर पर जजपा से जोड़कर देखा जा रहा है। दोनों परिवारों के बीच पुराने पारिवारिक ही नहीं राजनीतिक रिश्ते भी रहे हैं। इतना ही नहीं, सुखबीर सिंह बादल ने तो यहां तक कह दिया है कि उनकी पार्टी स्व़ चौ़ देवीलाल की नीतियों में विश्वास रखती है। इस कारण से भी जजपा अपने विरोधियों के निशाने पर आ गई है।
‘छोटे सीएम’ अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं देते : सुरजेवाला
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर वार किया है। उन्होंने कहा, हरसिमरत कौर के इस्तीफे के नाटक को ही दोहरा कर ‘छोटे सीएम’ अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं देते। छोटे सीएम (दुष्यंत) को पद प्यारा है, किसान प्यारे क्यों नहीं हैं। इसमें कुछ तो राज है। उन्हें किसान माफ नहीं करेंगे। सरकार की पिछलग्गू बन जजपा किसान की खेती-रोटी छीनने के जुर्म की भागीदार है।
जजपा ने किया पलटवार : सुरजेवाला के ट्वीट पर जजपा नेता दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा, रणदीप क्या कह रहे हैं, हमें उस पर कुछ नहीं कहना है, लेकिन कांग्रेस के तमाम नेताओं का पर्दाफाश जल्द होगा। किसानों पर लाठीचार्ज का विरोध करते हुए उन्होंने कहा, यह दुष्यंत के खिलाफ कांग्रेस का षड्यंत्र था। जिन्होंने साजिश की, उसका जल्द खुलासा करेंगे। दुष्यंत उगता सूरज है और कांग्रेस डूबता हुआ जहाज।
किसानों पर लाठीचार्ज लोकतंत्र पर दाग : किरण
पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने कहा कि पिपली में किसानों के ऊपर जो लाठीचार्ज हुआ, वह काफी विचलित कर देने वाली घटना है। ऐसी घटनाएं हमारे लोकतंत्र के चेहरे पर बदनुमा दाग हैं। किरण ने कहा कि इस लाठीचार्ज का जवाब किसान भाजपा को देंगे। पूरे देश में भाजपा व संघ समर्थित संगठन को छोड़ सभी किसान संगठन इन कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं। तीनों विधेयक अध्यादेश के रूप में लॉकडाउन में लाए गए जबकि इन्हें संसद सत्र में भी लाया जा सकता था।