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बात्ता में 111 धूनियों के बीच चल रही तपस्या का समापन

महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा, भंडारे का किया आयोजन
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कलायत, 17 जून (निस)

गांव बात्ता में सोमवार को 111 धूनियों के बीच चल रही तपस्या का समापन हुआ। यह कठिन साधना महंत अश्वनी पुरी ने 7 मई से शुरू की थी। तपस्या दोपहर 12 से 2 बजे तक रोज होती रही। यह साधना क्षेत्र की सुख, शांति और समृद्धि के लिए की गई। समापन पर गांव की महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली। मंगलवार को बाबा राजपुरी मंदिर में भंडारे का आयोजन हुआ। सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। साधु समाज से आए सैकड़ों संतों को भी भोजन कराया गया।

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इस मौके पर बाबा लदाना से बाबा राजपुरी डेरे के अंतरराष्ट्रीय महाराज दूज पुरी, बात्ता डेरे के महंत नरेश पुरी महाराज, महंत प्यार पुरी, महंत मथुरा पुरी, राजेश्वर पुरी सहित बड़ी संख्या में साधु-संत मौजूद रहे। तपस्या के दौरान भजन-कीर्तन, धार्मिक प्रवचन और अन्य आध्यात्मिक कार्यक्रम भी हुए। अंतरराष्ट्रीय महाराज दूज पुरी और महंत नरेश पुरी महाराज ने बताया कि यह आयोजन क्षेत्र की भलाई के लिए किया गया।

गांव बात्ता निवासी एडवोकेट सुल्तान सिंह अरुण राणा ने बताया कि 111 धुनियों के बीच 41 दिन तक भयंकर गर्मी में महंत अश्वनी पुरी ने धूनी तपस्या की। इस साधना में महंत के चारों ओर धधकती अग्नि होती थी। ऊपर से सूर्य की तपन भी सहनी पड़ती है।

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