मौसम की बेरुखी, बीमारी के चलते धान की फसल दे गई दगा
आजकल किसान धान की फसल समेटने में लगे हुए हैं। पच्चीस फीसदी के लगभग फसल उठ चुकी है, लेकिन झाड़ कम होने से किसानों को आर्थिक झटका लगा है। पिछले साल के मुकाबले इस बार प्रति एकड़ सात से आठ किवंटल पैदावार कम आ रही है। क़ृषि विशेषज्ञ कम पैदावार होने की वजह मौसम की बेरुखी व बीमारी बता रहे हैं।
क्षेत्र के किसान किरणपाल राणा, प्रदीप कुमार, संजीव भूखड़ी, लखवींदर सिंह लेदा, रमन गुर्जर, संजीव कुमार आदि ने बताया कि पिछले साल प्रति एकड़ 26 से 28 किवंटल धान की उपज आई थी। इस बार यह औसत 18 से बीस क्विंटल आ रही है। किसानों का कहना है बाढ़ व जलभराव से पहले ही फसलों को बड़ा नुकसान हो चुका है। किसानों के अनुसार खादर बैल्ट में बहुत ज्यादा नुकसान फसल को है। धान की सभी किस्मों की पैदावार कम आ रही है।
कृषि विशेषज्ञ का कहना है
कृषि विभाग के सहायक पौध संरक्षण अधिकारी डाक्टर सतीश कुमार का कहना है कि बहुत ज्यादा बरसात, जलभराव व बाढ़ से यह नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि फसल में फाल्स समट, बौनापन, बूर का झड़ना कम पैदावार की मुख्य वजह है। बेवक्त हुई ज्यादा बरसात से भी फर्क पड़ा है। अभी तक फसल में हल्दी गांठ का असर है।