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शहीद के नाम पर बरसों से लटका सड़क का नामकरण

लोकनिर्माण विभाग कार्यालय से फाइल गायब
सफ़ीदों के खातला गांव में शहीद नायब सूबेदार ओमप्रकाश का स्मृति स्थल। -निस
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रामकुमार तुसीर/निस

सफ़ीदों, 1 अगस्त

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वर्ष 1994 में जम्मू कश्मीर के बारामूला में 3 आतंकियों का सफाया करते हुए आतंकियों के हाथों शहीद हो गए नायब सूबेदार ओमप्रकाश के नाम पर यहां एक संपर्क मार्ग के नामकरण का मामला लोकनिर्माण विभाग के किसी कार्यालय में लुप्त हो गया है। शहीद नायब सूबेदार ओमप्रकाश को शहीदी उपरांत शौर्य चक्र सरकार ने दिया था।

जनवरी 1978 में 27वीं राजपूत बटालियन में भर्ती हुए ओम प्रकाश 31 जनवरी, 1994 को आतंकियों के सफाये की उनकी बटालियन की मुहिम के तहत बतौर प्लाटून कमांडर बारामूला में तैनात थे। जहां वह तीन आतंकियों को ठिकाने लगाने के बाद शहीद हो गए थे। सफ़ीदों के खातला गांव के शहीद नायब सूबेदार के नाम पर दस वर्ष पूर्व ग्रामीणों ने उनके गांव के राजकीय स्कूल व सफ़ीदों-पानीपत स्टेट हाईवे से भूषलाना गांव तक के संपर्क मार्ग का नाम रखे जाने की मांग की थी। शहीद के नाम पर स्कूल का नामकरण तो शिक्षा विभाग ने कर दिया था। ग्रामीणों ने गांव में उनका स्मृति स्थल भी बनाया हुआ है लेकिन संपर्क मार्ग का नामकरण लटक गया। जींद के जिला सैनिक बोर्ड ने इस बारे अपने विभाग के सक्षम अधिकारियों से अनुमति ले ली थी और इसे आधार बनाकर इस मामले में करीब 6 वर्ष पूर्व राज्य के लोक निर्माण विभाग के भवन एवं सड़क प्रभाग के मुख्य अभियंता को विभाग के अधीक्षक अभियंता जयप्रकाश ने पत्र लिखकर सक्षम अधिकारी से इसके लिए आवश्यक अनुमति दिलाने का अनुरोध भेजा था। इस गांव के सरपंच कृष्ण ने कहा कि इस मामले में संबंधित अधिकारियों की लापरवाही से ग्रामीणों में रोष है। उन्होंने कहा कि यदि इस आशय की विधिवत स्वीकृति नहीं मिली है तो भी ग्रामीणों को इसके कारण के साथ सूचित किया जाना चाहिए।

कार्यकारी अभियंता ने दिया आश्वासन

लोक निर्माण विभाग के स्थानीय उपमंडल अभियंता अजय कटारिया को इस बारे कोई जानकारी नहीं थी। कार्यकारी अभियंता राजकुमार नैन ने इस मामले की बेसिक जानकारी लेकर विभाग में इसका पता लगाने का आश्वासन दिया है।

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