दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
ताजनगर (गुरुग्राम), 31 मई
ताजनगर! कहने को तो नगर के आगे ‘ताज’ है, लेकिन ग्राउंड पर यह ताजनगर नहीं बल्कि जलनगर दिखेगा। हल्की सी बारिश भी झेलने की स्थिति में गांव नहीं है। साइबर सिटी गुरुग्राम के पटौदी हलके के इस गांव में जलभराव की समस्या आम है। बड़ी बात यह है कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के पैतृक गांव जमालपुर से बिल्कुल सटा हुआ यह गांव पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा चलाई जा रहे मुखर्जी फाउंडेशन द्वारा गोद लिया हुआ है। फाउंडेशन ने हरियाणा के कुल 101 गांवों को गोद लिया हुआ है और उनमें से ताजनगर भी एक है।

इन गांवों को स्मार्ट बनाने का सपना दिखाया गया। 2017 में सीएम मनोहर लाल ने भी इन गांवों के लिए स्मार्ट गांव अथॉरिटी बनाई, जिसके चेयरमैन भी खुद मुख्यमंत्री हैं। प्रदेश के लोकसभा व राज्यसभा सांसदों द्वारा गोद लिए गए गांवों की जैसी स्थिति है, ताजनगर भी उसी कैटेगरी में आता है। मुखर्जी फाउंडेशन ने गांव में ई-डॉक्टर क्लीनिक स्थापित किया हुआ है। इनमें सामान्य बीमारियाें का उपचार और दवाइयां दी जाती हैं। महिलाओं को स्वरोजगार की ओर बढ़ाने के लिए सिलाई सेंटर शुरू किया गया, लेकिन अब यह भी बंद हो चुका है। इतना ही नहीं, इन गांवों में सरकार ने 24 घंटे बिजली आपूर्ति का भी ऐलान किया लेकिन यह वादा भी पूरा नहीं हुआ। हां, एक अच्छी शुरुआत यहां से यह जरूर हुई है कि गांव की महिलाओं का सेल्फ हेल्प ग्रुप अब बड़ा हो चुका है।
गांव के जोहड़ में सफाई की दरकार है। करीब 200 साल पहले गांव के ही मनसाराम द्वारा अकेले खुदाई करके यह जोहड़ गांव के लिए बनाया था। गांव के लोगों ने इसका नाम भी बाबा मनसाराम के नाम पर रखा हुआ है। प्रह्लाद यादव का कहना है कि जितने विकास कार्य होने चाहिए थे, उतने नहीं हुए।
यहां रेलवे स्टेशन भी है, बड़ी बात यह है कि 2010 में गांव के लोगों ने खुद से पैसे जमा करके यह स्टेशन बनवाया। उस समय रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव ने गांव में रेलवे स्टेशन का ऐलान तो किया लेकिन पैसा नहीं दिया। गांव के लोगों ने करीब 25 लाख जुटाकर यहां स्टेशन का निर्माण करवाया। गांव में आठवीं तक का ही सरकारी स्कूल है। अहीर बाहुल्य इस गांव में करीब 400 सैनिक परिवार हैं।
गांव की पूनम बनीं मिसाल
गांव की पूनम ने 2016 में महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाया। वह उसी दौरान मुखर्जी फाउंडेशन के संपर्क में आईं। फाउंडेशन ने उन्हें एक प्लेटफार्म जरूर दिया, जिसका फायदा अब गांव की सैकड़ों महिलाओं को हो रहा है। देसी घी के लड्डू, चॉकलेट, नमकीन, अचार, आंवला कैंडी सहित 100 के करीब प्रोडक्ट यह ग्रुप तैयार कर रहा है। ग्रुप बढ़ा तो 7 सेल्फ हेल्प ग्रुप ने मिलकर संगठन बनाया। पूनम ने ‘पहल’ नाम से ग्रुप की शुरुआत की। संगठन बना तो उसका नाम ‘प्रयास’ रखा गया। अब आसपास के सात-आठ गांवों – ताजनगर, ख्वासपुर, खरकड़ी, जमालपुर, जौड़ी, सांपका आदि को मिलाकर शिखर के नाम से सीएलफ बनाया है। 120 के करीब महिलाएं फिलहाल इनसे जुड़ी हैं। इन महिलाओं की मासिक आय औसतन 5 से 10 हजार रुपये तक है।
सरकार से मिली आर्थिक मदद
गुरुग्राम में सरस मेले में सीएम मनोहर लाल ने पूनम सहित गुरुग्राम जिले की पांच महिलाओं को सम्मानित किया। पूनम को कार के लिए ब्याज रहित लोन मिला है। साथ ही, उनके सेल्फ हेल्प ग्रुप का काम बढ़ाने के लिए ब्याज रहित 3 लाख रुपये की मदद भी दी गई है। यह सेल्फ हेल्प ग्रुप सूरजकुंड क्रॉफ्ट मेला, नई दिल्ली के प्रगति मैदान में लगने वाले ट्रेड फेयर सहित देश के दूसरे राज्यों में लगने वाले मेलों में भाग लेता है।
सरकार ध्यान दे तो गांव कर सकता है अपने नाम को सार्थक
इस गांव की ओर अगर सरकार थोड़ा ध्यान दे तो यह अपने नाम को सार्थक कर सकता है। गांव के निर्वतमान सरपंच ललित यादव का कहना है कि उन्होंने गांव में सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं। सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रमों के लिए कम्युनिटी सेंटर बनवाया है। पार्क बन चुका है। अब गांव में खुद का डाकघर है। स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र व बाबा मनसाराम मंदिर में सोलर पैनल भी लगे हैं। गांव में स्वतंत्रता सेनानी स्मारक भी है और खिलाड़ियों के लिए क्रिकेट ग्राउंड भी बनवाया गया है। पानी की निकासी के अलावा पर्याप्त जल प्रबंधन की गांव में जरूरत है। स्कूल को अपग्रेड करने की जरूरत है तो अस्पताल में भी सुविधाओं की दरकार है।