हिसार, 20 मई (निस)
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल एवं कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि ज्ञान-विज्ञान को जितना बढ़ाएंगे, देश उतना ही आगे बढ़ेगा। संत महात्माओं के गौरव से स्फूर्ति लेकर भारत ज्ञान-विज्ञान के पथ पर चल कर आत्मनिर्भर बन रहा है। गुजवि महान पर्यावरणविद एवं संत गुरु जम्भेश्वर महाराज के नाम पर स्थापित है। यह विश्वविद्यालय ज्ञान और विज्ञान के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दे रहा है। विश्वास है कि आगामी 25 सालों में यह विश्वविद्यालय विश्व में अपनी श्रेष्ठ पहचान बना चुका होगा।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज की शिक्षा है कि पेड़, पौधे, पहाड़, जमीन पशु व पक्षियों में संतुलन रखेंगे तो प्रकृति जिंदा रहेगी। प्रकृति जिंदा रहेगी, तो हम जिंदा रहेंगे। आज जलवायु परिवर्तन वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती है। हमें ज्ञान-विज्ञान के प्रसार के साथ-साथ जैव विविधता को भी कायम रखना होगा। उन्होंने कहा कि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज ने 1485 में 29 शिक्षाओं से मानव विकास के लिए बिश्नोई समाज की स्थापना की थी तथा वे श्री विष्णु का हरि नाम का जाप करते थे।
इस मौके विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर सिंह गंगवा ने कहा कि यह हिसार क्षेत्र के लिए गौरव की बात है कि गुजवि हिसार का नाम केवल दूरस्थ शिक्षा में ही नहीं, बल्कि दुनिया के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में है।
एमबीए एचआर कोर्स के पहले विद्यार्थी बने
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने गुजवि के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के तहत एमबीए एचआर कोर्स में दाखिला लिया है। वे विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के सत्र 2022-23 के पहले विद्यार्थी भी बन गए हैं। उनके साथ उनके एडीसी मेजर जसदीप ने भी दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के तहत दाखिला लिया।