घरौंडा, 28 दिसंबर (निस)
बसताड़ा टोल प्लाजा पर कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल दूसरे दिन सोमवार को भी जारी रही। भाकिूय के जिला अध्यक्ष समेत 6 किसान भूख हड़ताल पर बैठे।
प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ केवल वार्ता कर रही है, कोई ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। वे तीनों कानूनों को रद्द करने और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं। सरकार कृषि कानूनों को रद्द करने में जितना देर लगाएगी, उतना ही किसानों को प्रदर्शन तेज होता जाएगा। आज क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं, आगे किसी ओर तरीके से प्रदर्शन होगा। किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल के साथ ही सोमवार को टोल मुक्त भारत अभियान भी अनिश्चितकालीन हो गया है। किसानों ने पहले तीन दिन के लिए टोल मुक्त भारत अभियान चलाया था, लेकिन बाद में इसे अनिश्चितकालीन करने का फैसला ले लिया गया। किसानों के मुताबिक, जब उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल और टोल मुक्त भारत अभियान चलता रहेगा। बसताड़ा टोल प्लाजा पर भाकियू के जिला अध्यक्ष अजय सिंह राणा, आशिष मलिक, संदीप दहिया, कमल मलिक, लखविंद्र विर्क, रघबीर सिंह, किसान नेता भूपेंद्र सिंह लाड़ी, हैप्पी सिंह क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों से सरकार सिर्फ अडानी और अंबानी को फायदा पहुंचाना चाहती है। जबकि किसान कृषि कानूनों के नुकसान से परिचित हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि मंडिया खत्म हो जाएंगी और किसान कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की चक्की में पिसता चला जाएगा। कड़ाके की ठंड में किसान धरने प्रदर्शन व भूख हड़ताल कर रहा है, लेकिन मौजूदा सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। सरकार किसान संगठनों के साथ वार्ता कर रही है लेकिन यह वार्ता एक माह बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है। सरकार इन कानूनों को वापस लेने की बजाये सिर्फ संशोधन करना चाहती है जो किसानों को मंजूर नहीं। किसान सिर्फ स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने और कृषि कानूनों को रद्द करने पर ही धरना प्रदर्शन समाप्त कर सकते है।
‘विधायक लक्ष्मण नापा के कार्यालय का घेराव’
फतेहाबाद (निस) : किसानों ने सोमवार को रतिया से भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा के बुढ़लाडा रोड स्थित कार्यालय का घेराव किया और उन्हें ज्ञापन सौंपकर सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते इस्तीफा देने की मांग की। 2 घंटे बाद विधायक अपने कार्यालय से बाहर आए तथा किसानों से मांग-पत्र लिया। विधायक ने कहा मेरे इस्तीफे से कुछ नहीं होगा। यह कानून संसद ने बनाया है और वह तो विधानसभा के सदस्य हैं लेकिन वे किसानों की बात मुख्यमंत्री व अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं तक पहुंचा देंगे। वहीं, दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में हिस्सा लेने जा रही पंजाब के मानसा में मजदूर मुक्ति मोर्चा की प्रधान मलकीत कौर (60) की फोरलेन माजरा रोड बाईपास पर सड़क हादसे में मौत हो गई। वह रविवार रात को लंगर पंडाल में जाने के लिए सड़क पार कर रही थी।