गुरुग्राम, 18 अप्रैल (हप्र)
बंदूकधारी बदमाशों ने थाने से मात्र 200 मीटर दूर एक कैश कलेक्शन एजेंसी के कर्मचारियों से 96 लाख 32 हजार रुपये लूट लिए। वारदात के समय एजेंसी का एक कर्मचारी नकदी लेने के लिए पास ही स्थित एक एजेंसी में गया था जबकि शेष 2 कर्मी कैश वैन में ही बैठे थे। जिस वैन से नकदी लूटी गई उसमें न तो लाॅकर था और न ही आपात स्थिति से निपटने के लिए हथियारबंद सुरक्षाकर्मी।
वारदात दोपहर करीब दो बजे दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे के निर्माणाधीन हिस्से में हुई। कैश कलेक्शन करने वाली कंपनी एस एंड आईबी के दो कर्मचारी नेताजी सुभाषचंद्र बोस चैक के पास एक कार शोरूम के सामने कैश वैन में बैठे थे। इसी दौरान चार-पांच हथियारबंद बदमाश पहुंचे। उन्होंने चालक और पीछे की सीट पर बैठे विपिन को बंदूक की नोक पर ले लिया तथा उनकी आंखों में मिर्च पाउडर डालकर इनके पास से नोटों से भरा बैग छीनकर फरार हो गए। एजेंसी का एक कर्मचारी पास ही स्थित एक शोरूम से कैश लेने के लिए गया था। सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी क्राइम थानों की टीमों के साथ मौके पर पहुंचे। जांच के दौरान सामने आया कि बदमाश नोटों का एक बैग लूट ले गए हैं, जिसमें 96 लाख 32 हजार रुपये थे, जबकि नकदी की कई पोटलियां गाड़ी में ही सुरक्षित थीं। विपिन नामक कर्मचारी ने पुलिस को बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर गुरुग्राम तक करीब 10 स्थानों से एकत्रित किया गया पैसा उनके पास था। डीसीपी विरेंद्र विज का कहना है कि बदमाशों की धरपकड़ के लिए पुलिस टीमों का गठन कर दिया गया है।
पुलिस के गले नहीं उतर रही लूट की कहानी :
लूट की वारदात की पूरी कहानी पुलिस के गले नहीं उतर रही। दरअसल, एजेंसी के कर्मचारियों ने वैन को निर्माणाधीन सड़क के बीचोंबीच खड़ा किया था। जिस प्वाइंट से नकदी लेनी थी वह लूट की वारदात वाले स्थान से चंद फर्लांग पर है और उसके गेट पर गार्ड हमेशा मौजूद रहते हैं। इतनी भारी भरकम राशि पास होने के बावजूद कैश वैन को चालक एजेंसी के अंदर क्यों नहीं ले गया, जबकि एजेंसी में पर्याप्त स्थान था। गाड़ी खड़ी करने के लिए ऐसा स्थान क्यों चुना गया जो आसपास स्थित प्रतिष्ठानों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की नजर से भी दूर है।