देश के प्रसिद्ध ऐतिहासिक, धार्मिक तीर्थस्थल कपाल मोचन में 5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती पर मुख्य स्नान होगा। इसमें 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है। मेले में लाखों श्रद्धालु पहुंच चुके हैं, जो बारी-बारी से कपाल मोचन में स्थित तीनों सरोवरों कपाल मोचन सरोवर, ऋण मोचन सरोवर, सूर्यकुंड सरोवर में स्नान कर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस पवित्र स्थल पर जहां भगवान राम, भगवान शिव और भगवान कृष्ण आए। वहीं गुरु नानक देव और गुरु गोविंद सिंह आए, जिसके चलते यह स्थल हिंदू-सिख एकता का प्रतीक बन गया। यहां प्रसिद्ध ऐतिहासिक गुरुद्वारा भी है। मेले में आने वाले श्रद्धालु जहां तीनों पवित्र सरोवर में स्नान करते हैं, वहीं गुरुद्वारा साहिब में स्थित सरोवर में भी स्नान कर करते हैं। मेले में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
महर्षि वेद व्यास की कर्म स्थली बिलासपुर में मेले का आयोजन प्राचीन समय से हो रहा है और इसकी ऐतिहासिक प्रासंगिकता है। मेला में विभिन्न विभागों तथा धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का श्रद्धालुओं द्वारा अवलोकन भी किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा 40 स्टॉल लगाए गए हैं। मेला श्री कपाल मोचन में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हरियाणा सरकार तथा यमुनानगर जिला प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं/यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। मेला श्री कपाल मोचन में हर वर्ष पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु आते हैं।
पंजाब के जिला पटियाला से आए गुरचरण सिंह ने कहा कि वे पिछले कई सालों से इस मेले में अपने परिवार सहित आते हैं। उन्होंने बताया कि श्रद्धालु सच्चे मन, ईमानदारी व मनोकामना की पूर्ति की इच्छा से श्री कपाल मोचन-श्री आदिबद्री मेला में आते हैं और उनकी इच्छा अवश्य पूर्ण होती है। इसी वजह से हजारों वर्ष बीत जाने के बाद भी श्रद्धालु उतने ही उत्साह से आज भी यहां आते हैं। उन्होंने कहा कि कपाल मोचन का अर्थ पापों के विमोचन से हैं। श्रद्धालुओं के लिए श्री कपाल मोचन, श्री बद्री नारायण, श्री माता मंत्रा देवी व श्री केदारनाथ मंदिर धार्मिक एवं पूजा स्थल बोर्ड व जिला प्रशासन द्वारा व्यापक प्रबंध किए गए हैं, जो वास्तव में सराहनीय है। पटियाला जिला के बुजुर्ग सेवा सिंह व जिला बरनाला निवासी राजविन्द्र सिंह, राम सिंह, जगतार सिंह, बलकार सिंह आदि ने कहा कि यह एक महान ऐतिहासिक तीर्थ है। पंजाब के जिला मोगा के गांव लोपो से आए जोगिन्द्र सिंह, गुरबक्श सिंह, निर्मल सिंह आदि ने श्री कपाल मोचन-श्री आदि बद्री मेला की प्रदर्शनी का अवलोकन करने के उपरांत कहा कि भारतीय संस्कृति व जीवन में तीज, त्योहार व मेले महत्वपूर्ण भाग है।

