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सिद्धांतों का पालन करने को प्रेरित करता है गुरु तेग बहादुर का जीवन

हिसार, 8 दिसंबर (हप्र) गुरुद्वारा साहिब गोबिंद नगर डाबड़ा चौक में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी दिवस पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृत साहिब द्वारा शहीदी समागम का आयोजन किया गया। गुरुद्वारा के प्रधान सरदार मुख्तयार सिंह...

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हिसार में रविवार को शहीदी समागम में गुरु की महिमा का गुणगान करता रागी जत्था। -हप्र
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हिसार, 8 दिसंबर (हप्र)

गुरुद्वारा साहिब गोबिंद नगर डाबड़ा चौक में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी दिवस पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृत साहिब द्वारा शहीदी समागम का आयोजन किया गया। गुरुद्वारा के प्रधान सरदार मुख्तयार सिंह ने बताया कि समागम से पूर्व गत दिवस शहर में नगर कीर्तन निकाला गया। शहीदी समागम में प्रसिद्ध रागी जत्थों व विद्वानों भाई गुरदित्त सिंह हजूरी रागी जत्था श्री दरबार साहिब, भाई नवजोत सिंह अरलीभंन प्रचारक, धर्म प्रचार कमेटी एचजीपीसी, भाई रघुबीर सिंह ढाडी जत्था धर्म प्रचार कमेटी, भाई मनवीत सिंह नाभा प्रचारक धर्म प्रचार कमेटी द्वारा गुरु की महिमा का गुणगान किया गया। कार्यक्रम में रागी जत्थे ने अपने शब्दों में बताया कि गुरु तेग बहादुर सिख धर्म के नौवें गुरु थे, जिनका जन्म अमृतसर में हुआ था। उनके पिता गुरु हरगोबिंद थे, जो सिख धर्म के छठे गुरु थे।

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गुरु हरकिशन की मृत्यु के बाद, गुरु तेग बहादुर को सिख धर्म के नौवें गुरु के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपने गुरु पद के दौरान सिख धर्म के सिद्धांतों को फैलाने और सिख समुदाय को मजबूत बनाने के लिए काम किया। गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे।

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