करनाल, 1 मई (हप्र)
‘गरीब के जहाज’ का सफर भी अब महंगा हो गया है। मजदूर दिवस सीएम सिटी के लोगों पर भारी पड़ा। शहर के हजारों ई-रिक्शा चालकों ने आज सर्व कर्मचारी संघ और सीटू की अगुवाई में प्रदर्शन किया और ई-रिक्शा का न्यूनतम किराया 10 से बढ़ाकर 20 रुपये करने का ऐलान का दिया।
भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद शहर में ई-रिक्शा को बढ़ावा देने की योजना बनी थी। इसी के चलते बीते 8 साल में हजारों ई-रिक्शा सडक़ पर आये। ई-रिक्शा यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश गौड़ और अध्यक्ष कर्मबीर ने कहा कि बिजली नहीं मिल रही। इसके कारण वह रिक्शा की बैटरी को चार्ज नही कर पाते। प्रशासन ने जो चार्जिंग स्टेश बनाकर दिया था वह बिजली बिल न भरने के कारण महीनों पहले ठप हो गया है। ई-रिक्शा को चार्ज करने के लिए दिन में दो बार घर जाना पड़ता है। लोन लेकर रिक्शा ली है। दिन भर में पूरी कमाई 300 से 400 रुपये ही होती है। इसलिए किराया डबल कर दिया है।
उन्होंने कहा कि जब आमजन हर चीज मंहगे दामों पर खरीद रहे हैं तो फिर 20 रुपये देने में क्या हर्ज है। सवारी चाहे एक किलोमीटर तक जाए, वह कम से कम 20 रुपये लेंगे। कर्ण पार्क में जुटे ई-रिक्शा चालकों ने कहा कि प्रशासन उनके लिए स्टैंड की व्यवस्था करे और पुलिस को उनके चालान करने से रोका जाए। उन्होंने कहा कि स्टैंड न होने के कारण वह सडक़ पर खड़े होते हैं और दुकानदारों से उनका विवाद होता है। दरअसल सरकार ने पर्यावरण को बचाने और पैडल रिक्शा से मजूदरी खत्म करने के लिए ई-रिक्शा को बढ़ावा तो दिया है। लेकिन उनके लिए कोई व्यवसथा नही की। शहर में कुछ ही सालों में हजारों ई-रिक्शा आने के बाद यातायात की समस्या उत्पन्न हुई है और हादसे भी बढ़ रहे हैं।
बीते सप्ताह ही अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. वैशाली शर्मा की अध्यक्षता में हुई जिला सडक़ सुरक्षा समिति की मासिक बैठक में शहर में बड़ी संख्या में दौड़ रही ई-रिक्शा पर काफी देर तक चर्चा हुई थी। बैठक में समिति सदस्य विपिन शर्मा ने कहा कि बीते दिनो एक मीटिंग में निर्णय लिया गया था कि सभी ई-रिक्शा जिनके पास कागज पूरे हों, उन पर एक नम्बर प्लेट लगाई जाए। ई-रिक्शा चालक का पूरा बायोडाटा भी लिया जाए। उन्होंने कहा कि इस पर कार्रवाई शुरू हुई थी और मात्र 20 रुपये में ई-रिक्शा पर नम्बर प्लेट लगाई गई, लेकिन 860 ही लगा पाए। इसके बाद ई-रिक्शा चालकों ने इकठ्ठे होकर इसका विरोध शुरू कर दिया और नम्बर प्लेट लगाने का काम रुक गया। उन्होंने कहा कि यह दोबारा शुरू होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में शहर में 8 से 9 हजार की संख्या में ई-रिक्शा हैं, जिनमें से ज्यादातर अवैध तरीके से चल रही हैं, इन पर नियंत्रण के लिए पुलिस को सक्रियता दिखानी चाहिए। इस पर अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक से इस संवेदनशील मुद्दे पर बात करके कोई ठोस योजना बनाएंगे।