अजय मल्होत्रा/हप्र
भिवानी, 6 फरवरी
नारनौल से चंडीगढ़ तक का सफर अब 7 की बजाय 5 घंटे में पूरा होगा। इसके लिए सिर्फ चार महीने का और इंतजार करना होगा। केंद्र सरकार के भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनने वाला ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेस-वे अगस्त तक बनकर तैयार हो जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे को ग्रीन फील्ड कॉरिडोर का नाम भी दिया गया है। इसकी कुल लम्बाई 227 किलोमीटर है। यह दक्षिण हरियाणा को सीधे उत्तर हरियाणा से जोड़ेगा। प्रदेश के 8 जिलों से होकर गुजरने वाले इस ग्रीन फील्ड कॉरिडोर का सफर भी अत्यधिक आरामदायक रहेगा। इस नये हाईवे का 90 प्रतिशत निर्माण पूरा हो चुका है। इस प्रोजेक्ट के निर्माण को 8 हिस्सों में बांटा गया है। ऐसे में कुल 8 राष्ट्रीय व अंर्तराष्ट्रीय स्तर की कंपनियां एनएचएआई के तहत कार्य कर रही हैं। सभी कंपनियों के पास अलग-अलग से 20 से 35 किलोमीटर तक का निर्माण कार्य है। पहला पैकेज इस्माइलाबाद से ढांड, दूसरा पैकेज ढांड से राजौंद, तीसरा पैकेज राजौंद से खेड़ी जींद, चौथा पैकेज खेड़ी जींद से जुलाना जींद, पांचवां जुलाना से खरकड़ा रोहतक, छठा पैकेज खरकड़ा रोहतक से चरखी दादरी, सातवां पैकेज चरखी दादरी से कनीना महेंद्रगढ़, कनीना महेंद्रगढ़ से नारनौल तक है।
2020 में शुरू हुआ था निर्माण
इस कॉरिडोर की घोषणा 2018 में की गई थी और इसके लिए 1826 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया जिस पर 529 करोड़ रुपए खर्च आया था। 14 जुलाई, 2020 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसका शिलान्यास किया था। कॉरिडोर का निर्माण यूं तो 2021 के अंत तक होना था लेकिन भिवानी जिले के गांव खातीवास क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण को लेकर बने विवाद और कोरोना के कारण इसमें देरी हुई। बाद में इसके पूरे करने की डेड लाइन फरवरी 2022 रखी गई, लेकिन नवंबर और दिसंबर में एनजीटी की बंदिशों और कुछ अन्य विवादों के चलते यह माना जा रहा है कि यह कॉरिडोर अब जून में चालू होगा। इसका कुछ हिस्सा अप्रैल में चालूू होने की संभावना है।
हरियाणा का राजस्थान से होगा सीधा जुड़ाव
अम्बाला-कोटपुतली कॉरिडोर तीन राज्यों में उद्योग के सामान और यात्री यातायात के लिए सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। प्रमुख शहरों में भीड़ कम करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं की योजना बनाई गई है। एक्सप्रेस-वे अम्बाला और जयपुर के बीच की दूरी और यात्रा के समय को भी कम करेगा, क्योंकि यह दिल्ली को छोड़कर एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा। भिवानी शहर के लोग इस कॉरिडोर को महम अथवा खरड़ी मोड़ से पकड़ सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार इस एक्सप्रेस-वे पर गतिसीमा 120 किलोमीटर प्रति घंटा रखी जाएगी। ऐसे में खरड़ी मोड़ से इस्माइलाबाद तक का सफर महज एक से सवा घंटे में पूरा हो जाएगा। भिवानी से चंडीगढ़ कुल ढाई से तीन घंटे के बीच में पहुंचा जाएगा, जबकि अभी 5 घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है।
दोनों ओर होगी हरियाली
नया नेशनल हाईवे 152डी न केवल बेहतरीन सफर की अनुभूति देगा बल्कि हाईवे के दोनों तरफ बिखरी हरियाली आपके सफर को आसानदेय बना देगी। जी हां हम बात कर रहे हैं नए बनने वाले ग्रीन फील्ड कॉरिडोर की। यह कॉरिडोर न केवल नारनौल को अम्बाला से जोड़ेगा बल्कि आने वाले समय में इसका इंटर चेंज दिल्ली- कटड़ा एक्सप्रेस वे और दिल्ली- मुम्बई एक्सप्रेस वे से भी जुड़ेगा। ऐसे में क्षेत्र में आने वाले दिनों में आर्थिक गतिविधियां भी तेज होंगी और लोगों के जीवन स्तर में भी काफी कुछ फर्क पड़ेगा। कुरुक्षेत्र के इस्माइलाबाद कस्बे से जैसे ही नेशनल हाईवे नंबर 152 पर कुछ दूर चलेंगे तो इस मार्ग से यह हिसार जाने की बजाय नारनौल की तरफ मुड़ेगा जोकि 152-डी कहलाएगा। इस नए हाईवे को एक और नाम दिया गया है ग्रीन फील्ड कॉरिडोर। जैसा कि नाम है ठीक वैसा ही इस हाईवे पर चढ़ने के बाद नजारा बनता है।
टोल प्लाजा से ही होगी एंट्री-एग्जिट
इस एक्सप्रेस-वे पर सफर करने के लिए टोल प्लाजा से ही एंट्री-एग्जिट करनी पड़ेगी। इस एक्सप्रेस-वे का मेन एंट्री टोल नारनौल में बनाया गया है। इस एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 227 किलोमीटर होगी जिसके दोनों तरफ 3 ड्राइविंग लेन बनाई गई हैं। अधिकांश जगह पर कॉरिडोर का कार्य पूरा हो चुका है। अब केवल तीन या चार ओवरब्रिज का कार्य अधूरा है। जिन्हें पूरा करने के लिए तेजी से कार्य चल रहा है। सरकार ने दो माह पूर्व खातीवास में किसानों के विरोध के बावजूद भूमि अधिग्रहण का कार्य भी पूरा कर लिया है और वहां भी काम पूरी गति पर है।
मुम्बई एक्सप्रेस-वे को भी जोड़ेगा
अम्बाला से इस्माइलाबाद तक नेशनल हाईवे 152 का 39 किलोमीटर का खंड कोटपुतली तक पहुंचेगा। यह एक आर्थिक गलियारा है जिसमें चार सड़क परियोजनाएं शामिल हैं। ट्रांस-हरियाणा एक्सप्रेस वे या अम्बाला-नारनौल एक्सप्रेस-वे 227 किलोमीटर तक फैला है। नारनौल बाईपास का 14 किलोमीटर लंबा हिस्सा कोटपुतली के पास नारनौल से पनियाला मोड़ (एनएच-48) तक, एनएच 148 बी का 30 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली-बड़ोदरा मुंबई एक्सप्रेस-वे, जो राष्ट्रीय राजमार्ग 148बी से जुड़ा होगा, को भी अम्बाला-कोटपुतली कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा।
रोजगार के अवसर पैदा होंगे
इस एक्स्प्रेस-वे के निर्माण से नारनौल, महेंद्रगढ़, कनीना चरखी दादरी कलानौर, भिवानी, महम, रोहतक, सफीदों, जींद और कैथल व कुरूक्षेत्र के लोगों को सीधा फायदा पहुंचेगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। निर्माण करने वाली कंपनी के इंजीनियर राकेश सिंह ने बताया कि पांच हजार करोड़ की राशि खर्च होना प्रस्तावित है, लेकिन समय बढ़ने और अन्य कुछ कारणों से निर्माण कार्य पर खर्च और अधिक बढ़ सकता है।
सौर ऊर्जा से जगमगाएगा हाईवे
अधिकारियों के अनुसार इस मार्ग की खास बात यह होगी कि इस पर सौर ऊर्जा के पॉवर प्लांट लगाए गए हैं। रात को इस हाईवे का नजारा देखते ही बनेगा। विश्व स्तर की सभी सुविधाओं का ध्यान इस मार्ग के निर्माण में रखा गया है। अम्बाला-कोटपुतली कॉरिडोर में पर्यावरण के अनुकूल विशेषताएं होंगी, जिनमें प्रत्येक 500 मीटर पर जल संचयन स्थल शामिल हैं। कॉरिडोर के दोनों ओर करीब डेढ़ लाख पेड़ लगाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, मार्ग विश्व स्तरीय यात्री सुविधाओं से सुसज्जित होगा, जिसमें फूड कोर्ट और ईंधन भरने की सुविधाएं शामिल हैं।
क्या कहते हैं सांसद धर्मबीर सिंह
सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि यह कॉरिडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की कल्पना का परिणाम है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत, केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और वे इस प्रोजेक्ट को लेकर निरंतर गडकरी से मिलते रहे हैं। अब यह अविश्वनीय प्रोजेक्ट अपने निर्माण के अंतिम चरण में है। सांसद ने कहा कि राजमार्ग को इस वर्ष 2022 में खोल दिया जाएगा। कॉरिडोर का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। कॉरिडोर का निर्माण रिकार्ड गति से किया जा रहा है।