ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 18 जुलाई
दिल्ली में बाढ़ के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराए जाने के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आरोपों को हरियाणा के दो वरिष्ठ अधिकारियों की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने सिरे से खारिज कर दिया है। दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सिंचाई विभाग के दो इंजीनियर-इन-चीफ की कमेटी बनाई थी। इस कमेटी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ मंगलवार को नई दिल्ली के आईटीओ बैराज का निरीक्षण किया।
कमेटी को चौबीस घंटे में रिपोर्ट देनी थी। कमेटी ने कहा है कि वह अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर हरियाणा सरकार को सौंपेंगी। शुरुआती जांच में कमेटी ने साफ कर दिया है कि दिल्ली सरकार राजनीति कर रही है और बाढ़ के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराने के आरोप कहीं नहीं टिकते। टीम ने आईटीओ बैराज के सभी गेट का मुआयना किया। यहां बता दें कि यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद दिल्ली के कई इलाकों में पानी घुस गया। केजरीवाल सरकार ने इसके लिए हरियाणा के सिर दोष मढ़ा था।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा उनके मंत्रियों ने हरियाणा पर हथिनी कुंड बैराज से अत्याधिक पानी छोड़ने का आरोप लगाते हुए दिल्ली में आई बाढ़ के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद हरियाणा सरकार ने दावा किया था कि हथिनी कुंड बैराज है, डैम नहीं है। इसलिए यहां पानी छोड़ने की मात्रा को तय नहीं किया जा सकता। इसके बाद दिल्ली सरकार ने आईटीओ बैराज के सभी गेट नहीं खुलने का आरोप लगाया था।
टीम ने कहा-30 गेट खोले जा चुके
हरियाणा सिंचाई विभाग के ईआईसी सतबीर कादियान की अध्यक्षता में एक टीम ने मंगलवार को दिल्ली का दौरा किया। टीम ने पूरी गहनता से जांच के बाद कहा कि आईटीओ बैराज के 30 गेट खोले जा चुके हैं। दो गेट को सेना की मदद से खोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के अधिकारियों की टीम लगातार जांच कर रही है। रख-रखाव को लेकर हरियाणा पर जो आरोप लग रहे हैं वह पूरी तरह से निराधार हैं।