चंडीगढ़, 5 अप्रैल (ट्रिन्यू)
केंद्रशासित प्रदेश, चंडीगढ़ की नौकरियों में अब हरियाणा के युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर खुलेंगे। पंजाबी की अनिवार्यता के चलते हरियाणा के युवा नौकरियों में पिछड़ रहे थे। यूटी में केंद्र के सर्विस रूल लागू होने के बाद हिंदी को अनिवार्य किया गया है। पंजाबी की अनिवार्यता अब नहीं रहेगी। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को विधानसभा में इसका खुलासा किया।
दरअसल, चंडीगढ़ की नौकरियों के लिए होने वाली लिखित परीक्षा में 100 अंकों में से 25 अंकों के सवाल पंजाबी भाषा से जुड़े होते थे। ऐसे में हरियाणा के युवा यूटी की नौकरियों में पिछड़ रहे थे। पंजाब के युवाओं को इसका फायदा होता था। दुष्यंत ने कहा, केंद्र के सर्विस रूल लागू होने के बाद पंजाबी अनिवार्य नहीं रही है। यहां बता दें कि केंद्र के सर्विस रूल पहली अप्रैल से लागू हुए हैं।
इससे पहले चंडीगढ़ में पंजाब के सर्विस रूल लागू थे। केंद्र के सर्विस रूल लागू करने के बाद ही पंजाब ने चंडीगढ़ पर अधिकार को लेकर हरियाणा विधानसभा में प्रस्ताव पास किया है। विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दुष्यंत के दावे पर कहा, पंजाबी की अनिवार्यता खत्म करने के लिए एक्ट में संशोधन करना होगा। इस पर दुष्यंत ने कहा, केंद्र के नोटिफिकेशन में इसे स्पष्ट किया जा चुका है। संशोधन की कोई जरूरत नहीं है।
एयरपोर्ट का उठा मुद्दा
पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे विवादों के बीच पूर्व शिक्षा मंत्री व झज्जर विधायक गीता भुक्कल ने मोहाली में बनाए गए इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हरियाणा ने भी एयरपोर्ट निर्माण के लिए 250 करोड़ से अधिक दिए हैं, लेकिन हरियाणा को अधिकार नहीं मिले। हुड्डा ने उनका समर्थन करते हुए कहा, मुझे पता लगा कि 51 प्रतिशत हिस्सा नागरिक उड्डयन मंत्रालय तथा 49 प्रतिशत का है तो मैंने इसका विरोध किया। एयरपोर्ट पर ही तय किया गया कि साढ़े 34 प्रतिशत शेयर पंजाब का और इतना ही हरियाणा का रहेगा।