विवेक बंसल/निस
गुरुग्राम, 2 जून
उद्योग नगरी आईएमटी मानेसर के विस्तार के लिए एचएसआईआईडीसी और किसानों के बीच विवाद खड़ा हो गया है। एचएसआईआईडीसी ने 11 वर्ष पूर्व अधिगृहीत की गई 1128 एकड़ जमीन का मुआवजा पुराने रेट पर देने की पेशकश की है। लेकिन किसानों ने इसे लेने से इनकार कर दिया है। किसानों की मांग है कि उन्हें मौजूदा रेट पर मुआवजा दिया जाए। जमीन मालिक हेमचंद यादव, राव अभय सिंह, सिकंदर सरपंच, रामवीर यादव, सतीश यादव आदि ने बताया कि वर्ष 2008 में एचएसआईआईडीसी की ओर से गांव काजलवास, कुकरोला, श्रावण, पोखरपुर, मोकलवास, बांसलांबी, खरखारी आदि की 1128 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था। ये सभी गांव मानेसर तहसील के तहत आते हैं।
भूमि अधिग्रहण की सभी कार्रवाई पूरी करने के बाद 2011 में इनका मुआवजा देने के लिए अवार्ड घोषित कर दिया गया। इस बीच कुछ किसान अदालत में चले गए। कुछ किसानों ने सरकार की जमीन अधिग्रहण नीति को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी और अब नतीजा यह रहा कि कानूनी लड़ाई समाप्त हो गई तथा बात मुआवजे पर आकर अटक गई है। किसानों का कहना है कि अदालत में जमीन अधिग्रहण नीति को चुनौती दी गई थी। एचएसआईआईडीसी ने किसानों को वर्ष 2011 में घोषित अवार्ड के मुताबिक 11 साल बाद वही मुआवजा लेने का नोटिस भेजा है। वर्ष 2011 में प्रति एकड़ जमीन का मुआवजा 69,68000 रुपए तय किया गया था। इस तरह से 1128 एकड़ जमीन के बदले किसानों को 903 करोड़ रुपए का अवार्ड घोषित हुआ। किसानों का कहना है कि यह राशि 11 वर्ष पहले तय की गई थी और अब 11 वर्ष बाद वही राशि देने की कोई तुक नहीं है।
जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष अभय सिंह, हेमचंद यादव आदि सभी किसान केंद्रीय मंत्री और क्षेत्रीय सांसद राव इंद्रजीत सिंह से मिले और उन्हें अपनी दिक्कत बताई। किसानों ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया है कि वे आज के मुताबिक जमीन अधिग्रहण का भाव दिलवाए या फिर उन्हें 11 वर्ष पहले घोषित अवार्ड की राशि में 11 वर्ष का चक्रवृद्धि ब्याज लगाकर दिलवाए। किसानों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण 2008 में शुरू हुई थी। एचएसआईआईडीसी वर्ष 2011 से ही उन्हें नियमानुसार रॉयल्टी देने की पेशकश कर रहा है । यह रॉयल्टी भी उन्हें वर्ष 2008 से ही मिलनी चाहिए।
उद्योगों के विस्तार के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया
इस जमीन का अधिग्रहण एचएसआईआईडीसी द्वारा आधुनिक उद्योग नगरी मानेसर के विस्तार के लिए किया गया था। यह सभी जमीन अभी तक किसानों के पास है और वे उसमें बिजाई कर रहे हैं। किसानों ने चेतावनी दी है कि वे उचित मुआवजा लिए बिना जमीन का कब्जा सरकार को नहीं देंगे। मंत्री राव इंद्रजीत ने किसानों को विश्वास दिलाया है कि वे इस बारे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात करेंगे और उन्हें उचित मुआवजा दिलाएंगे। इस बारे में एचएसआईआईडीसी के एक अधिकारी ने कहा कि मामला पेचीदा है। सरकार को किसानों का ज्ञापन भेज दिया है। अब सरकार ही इस बारे में कोई समाधान कर सकती है।