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स्वास्थ्य विभाग ने हर जिले में 5-5 हजार की आबादी के जोन बनाए

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा करवाई मैपिंग की रिपोर्ट पर काम शुरू

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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 9 मार्च

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हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की पूरी कार्ययोजना तैयार हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री रहे अनिल विज ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पूरे प्रदेश की मैपिंग करवाई गई थी, जिस पर अब विभाग ने काम शुरू कर दिया है। हालांकि विज के पास अब स्वास्थ्य मंत्रालय नहीं है लेकिन नायब सरकार उनके द्वारा करवाई गई मैपिंग की रिपोर्ट पर आगे बढ़ रही है।

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वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने भी मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखकर जर्जर हो चुके अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों की बिल्डिंग के निर्माण के लिए फंड की मांग की है। वे केंद्र के मापदंडों के तहत विभाग के बजट में बढ़ोतरी का भी आग्रह सीएम से कर चुकीं हैं। सीएम भी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गंभीर हैं। ऐसे में स्वास्थ्य बजट में इजाफा संभव है।

नये स्वास्थ्य केंद्रों को लेकर सरकार ने जिलों में पांच-पांच हजार की आबादी के जोन बनाए हैं। हर जोन में एक हेल्थ सब-सेंटर स्थापित किया जाएगा। जहां पहले से सब-सेंटर उपलब्ध है, उसे सुधारा जाएगा। प्रदेशभर में कहां-कहां सब-सेंटर की जरूरत है, इसका भी सरकार को मैपिंग के जरिये पता लग चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से नये स्वास्थ्य केंद्रों को लेकर मापदंड तय किए हुए हैं। इन्हीं मापदंड के हिसाब से हरियाणा सरकार ने पांच हजार की आबादी पर एक हेल्थ सब-सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है। 30 हजार की आबादी पर एक सीएचसी (कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर) स्थापित होगा। जहां आबादी 60 हजार से अधिक है, वहां एक पीएचसी यानी प्राइमरी हेल्थ सेंटर खोला जाएगा। मैपिंग इसीलिए करवाई गई ताकि नये स्वास्थ्य केंद्रों को लेकर ग्राउंड की रिपोर्ट सरकार को मिल सके। सरकार यह पहले ही तय कर चुकी है कि नये स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना डिमांड नहीं बल्कि नीड (जरूरत) के आधार पर की जाएगी।

नये पदों के सृजन की प्रक्रिया शुरू

स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करने के लिए नये पदों के सृजन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग राज्य में बनने वाले नये हेल्थ सब-सेंटर, सीएचसी और पीएचसी के हिसाब से डॉक्टरों व पैरा-मेडिकल स्टाफ के नये पदों का सृजन करेगा। विभाग द्वारा यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसे मंजूरी के लिए वित्त विभाग के पास भेज जाएगा। वित्त विभाग की मंजूरी मिलने के बाद विभाग शुरूआती चरण में कांट्रेक्ट पर स्टाफ रख सकता है ताकि नये स्वास्थ्य केंद्रों को जल्द शुरू किया जा सके।

पहले स्टाफ का प्रबंध करेगी सरकार

मैपिंग रिपोर्ट के हिसाब से राज्य में नये अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी और हेल्थ सब-सेंटर स्थापित किए जाएंगे। नये स्वास्थ्य केंद्रों के लिए पहले से आबादी के नियम तय हैं। राज्य की जरूरत के हिसाब से नये स्वास्थ्य केंद्र खोल जाएंगे लेकिन इससे पहले सरकार ने स्टाफ का प्रबंध करने का फैसला लिया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जरूरत के हिसाब से डॉक्टरों व पैरा-मेडिकल स्टाफ के नये पदों के सृजन की कवायद शुरू कर दी है। राज्य में पहले से डॉक्टरों के करीब ढाई हजार पद खाली हैं। हालांकि अब सरकार ने भी तय किया है कि मेडिकल कॉलेजों के साथ नर्सिंग कॉलेज भी स्थापित होंगे ताकि राज्य को काबिल पैरा-मेडिकल स्टाफ मिल सके। स्टाफ उपलब्ध होने के बाद सरकार नये स्वास्थ्य केंद्रों को तुरंत शुरू कर सकेगी। शुरूआत में बेशक किसी धर्मशाला या अन्य स्कूल-कॉलेज की बिल्डिंग में इसे शुरू करना पड़े।

यह बनाया गया फार्मूला

स्वास्थ्य विभाग ने पांच-पांच हजार की आबादी के जोन बनाए हैं। छह जोन पर एक सीएचसी सेंटर स्थापित होगा। इसी तरह से हर 12 जोन के बाद एक पीएचसी सेंटर स्थापित किया जाएगा। मैपिंग से सरकार ने यह पता लगा लिया है कि कितने जोन में हेल्थ सब-सेंटर नहीं हैं। इसी तरह से सीएचसी और पीएससी की जरूरत का सरकार ने पता लगाया है। विभाग के प्रपोजल को सरकार मंजूरी भी दे चुकी है।

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