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नूंह में बूचड़खानों का बढ़ता संकट, प्रदूषण और स्वास्थ्य की चिंता

नूंह में बूचड़खानों से फैल रहे प्रदूषण को लेकर कांग्रेस विधायक मामन खान ने सोमवार को विधानसभा में सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में लगभग 30 बूचड़खाने खोले जा चुके हैं और कई नई मंजूरियों की प्रक्रिया...
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नूंह में बूचड़खानों से फैल रहे प्रदूषण को लेकर कांग्रेस विधायक मामन खान ने सोमवार को विधानसभा में सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में लगभग 30 बूचड़खाने खोले जा चुके हैं और कई नई मंजूरियों की प्रक्रिया जारी है। विधायक ने आरोप लगाया कि बूचड़खानों के कारण नूंह में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, जिससे लोगों में बीमारी फैलने की आशंका है। उन्होंने सरकार पर अंधाधुंध मंजूरी देने और बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। पर्यावरण मंत्री राव नरबीर ने कहा कि पिछले दस वर्षों में नूंह में बूचड़खानों की स्थापना के लिए 28 कंपनियों को एनओसी जारी की गई, जिनमें से केवल पांच बूचड़खाने संचालित हैं। नियमों का उल्लंघन करने वाले तीन बूचड़खानों से 96 लाख 80 हजार रुपये का पर्यावरणीय मुआवजा वसूला गया।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ मिलकर पांच बूचड़खानों का निरीक्षण किया। दो बूचड़खानों द्वारा नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर 18 लाख 50 हजार रुपये का मुआवजा लगाया गया। मामन खान ने कहा कि लोग चाहते हैं कि सरकार कड़े कदम उठाए और न केवल मौजूदा नियमों का पालन कराए, बल्कि भविष्य में नूंह को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए ठोस योजना बनाए।

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