सीईटी के नियम तक तय नहीं कर पा रही सरकार : हुड्डा
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि एक बार फिर हाई कोर्ट के सामने बीजेपी सरकार की पोल खुल गई है। भर्तियां या सीईटी करवाना तो दूर, इतने साल बाद भी सरकार सीईटी के नियम तक तय नहीं कर पाई। अब बाकायदा हाई कोर्ट ने नियम तय करने के आदेश दिए हैं। ऐसा ना कर पाने पर कोर्ट ने मुख्यमंत्री या आयोग के अध्यक्ष को पेश होने के सख्त निर्देश दिए हैं।
हुड्डा ने कहा कि तीसरी बार सत्ता हथियाने के बाद बीजेपी सरकार ने फिर से बेरोजगार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ शुरू कर दिया है। इतने महीने बाद भी अब तक ग्रुप सी और डी पदों की भर्ती के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है। वर्षों से सीईटी का इंतजार कर रहे लाखों युवाओं के साथ इस सरकार ने सबसे बड़ा धोखा किया है। कायदे से हर 6 महीने या 1 साल के भीतर एक बार सीईटी होना चाहिए। लेकिन बीजेपी 5 साल में बमुश्किल एक बार ये टेस्ट करवा पा रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि पिछले कार्यकाल के दौरान भी भाजपा द्वारा यही खेल खेला गया था। सरकार ने पूरे 5 साल तक जानबूझकर भर्तियों को लटकाए रखा था। और फिर युवाओं को चुनाव में ब्लैकमेल करते हुए कहा कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो ही उनकी भर्तियों का रिजल्ट जारी होगा। डर के मारे बेरोजगार युवाओं ने बीजेपी को वोट दिया। लेकिन सत्ता में आते ही सरकार ने फिर भर्तियों को लटकाने के हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए।