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1.20 लाख कच्चे कर्मियों का भविष्य होगा सुरक्षित, मिलेगा सेवा-सुरक्षा कवर

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ भारतीय मजदूर संघ की बैठक में करीब एक दर्जन मांगों पर बनी सहमति
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चंडीगढ़ में रविवार को मुख्यमंत्री नायब सैनी का बैठक में अभिवादन करते भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारी।
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चंडीगढ़, 2 मार्च (ट्रिन्यू)

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ भारतीय मजदूर संघ के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक में एक दर्जन समस्याओं के समाधान तथा मांगों को मानने पर सहमति बनी है। बजट पूर्व हुई इस बैठक में राज्य सरकार करीब 1 लाख 20 हजार कच्चे कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करेगी। इसके लिए विधानसभा में बिल लाया जाएगा। प्रदेश में पालिसी पार्ट वन और पालिसी पार्ट टू के तहत कच्चे कर्मचारियों की भर्तियां की जाती रही हैं।

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पालिसी पार्ट वन के तहत 1 लाख 10 हजार कच्चे कर्मचारियों को भर्ती किया गया था, जिन्हें हरियाणा कौशल रोजगार निगम के अधीन किया जा चुका है। पालिसी पार्ट टू के तहत 10 से 12 हजार कच्चे कर्मचारियों की भर्ती हुई थी, जो सीधे सरकारी विभागों के पे-रोल पर हैं, लेकिन नियमित नहीं हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई वार्ता के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि 12 मार्च तक सेवा नियम बना लिए जाएंगे, जिन्हें विधानसभा के बजट सत्र में पास कराते ही कर्मचारियों पर लागू कर दिया जाएगा। इस एक्ट के तहत राज्य सरकार सभी कच्चे कर्मचारियों को 58 साल तक नौकरी की गारंटी देने के साथ ही सभी वे सुविधाएं प्रदान करेगी, जो नियमित कर्मचारियों को मिलती हैं। इन कच्चे कर्मचारियों के पक्का होने के बाद सिर्फ डीए की राशि पर अंतर पड़ेगा।

भारतीय मजदूर संघ की ओर से क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार, प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार, प्रदेश महामंत्री हवा सिंह मेहला, उपाध्यक्ष नरेश कुमार बालू, छोटा देवी, प्रदेश मंत्री देवीलाल गुराना, हवा सिंह तंवर और सुनील ढिल्लो शामिल हुए, जबकि राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, प्रधान सचिव अरुण गुप्ता और सभी विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव शामिल हुए। चर्चा के बाद करीब छह हजार ग्रामीण ट्यूबवेल आपरेटरों का बकाया वेतन जारी करने, सभी को कौशल रोजगार निगम में पोर्ट करने और ईपीएफ, ईएसआई कटने का पत्र जारी करने पर सहमति बनी।

बैठक में राज्य की चीनी मिलों में काम करने वाले करीब 1200 कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का 19 माह का बकाया एरियर देने पर भी सहमति बनी है। यह राशि करीब 24 करोड़ रुपये है। पैक्स कर्मचारियों को 10 फीसदी केंद्रीय सहकारी बैंक में पदोन्नति का लाभ देने संबंधी पत्र जल्दी जारी करने का भरोसा अधिकारियों ने दिलाया है। खेदड़ और यमुनानगर में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान जिन 1100 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया था, उन्हें सरकार वापस ले चुकी है, लेकिन 22 कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें वापस नहीं लिया गया था। भारतीय मजदूर संघ की ओर से इन सभी कर्मचारियों को वापस नौकरी पर लेने के लिए लिस्ट अधिकारियों को प्रदान कर दी गई है। सभी को सोमवार को ज्वाइनिंग कराने पर सहमति वार्ता के दौरान बन चुकी है।

एक लाख कर्मचारियों को बोनस मिलने की संभावना

हरियाणा सरकार राज्य के सभी बोर्ड एवं निगमों तथा विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों को उनकी बोनस की बकाया राशि भी प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भारतीय मजदूर संघ के नेताओं ने बताया कि जिन कर्मचारियों का वेतन 21 हजार रुपये मासिक से कम है, उन सभी को बोनस देने का प्रावधान है, जो कि हरियाणा में लंबे समय से नहीं दिया जा रहा है। ऐसे कर्मचारियों की संख्या एक लाख के आसपास बताई जा रही है। सरकार यदि चाहे तो कम से कम तीन साल का बोनस इन कर्मचारियों को दे सकती है। मुख्यमंत्री ने भारतीय मजदूर संघ की इस मांग को एग्जामिन कराने का भरोसा दिलाया है।

न्यूनतम वेतन संशोधित करने को पांच को बैठक

सरकार जल्दी ही राज्य में न्यूनतम वेतन संशोधित करेगी। इस समय राज्य में 11 हजार 1 रुपये की राशि न्यूनतम वेतन के रूप में मिल रही है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मिनिमम वेज बोर्ड की बैठक पांच मार्च को बुलाने के आदेश दिए हैं, ताकि न्यूनतम वेतन की राशि को संशोधित किया जा सके। ऐसे कर्मचारी जिनका आयुष्मान कार्ड नहीं बना है, मगर उनके पैसे कट चुके हैं, उन्हें जल्दी ही आयुष्मान कार्ड जारी किए जाएंगे। भारतीय मजदूर संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार ने वार्ता को काफी सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि हमने बजट में प्रावधान के लिए करीब एक दर्जन सुझाव मुख्यमंत्री को दिए हैं।

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