प्रदेश में वन विभाग एक पौधा लगाने पर खर्च कर रहा 231 रुपये
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 6 अप्रैल
हरियाणा में पौधरोपण काफी महंगा है। राज्य का पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव विभाग को एक पौधा लगाने पर 231 रुपये से अधिक का खर्चा आ रहा है। पिछले पांच वर्षों में ही विभिन्न पौधरोपण योजनाओं पर विभाग ने 968 करोड़ 88 लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं। इस अवधि में प्रदेशभर में कुल 4 करोड़ 18 लाख 42 हजार 219 पौधे रोपे गए। हालांकि इनमें से कितने पौधे चले और कितने सूख गए, इसका कोई रिकार्ड नहीं है।
पूर्व की हुड्डा सरकार के समय अंबाला जिले में मनरेगा के तहत हुए पौधरोपण में करीब 25 करोड़ रुपये का घोटाला भी सामने आ चुका है। इस मामले में विभाग अधिकारियों के अलावा कई आईएएस व एचसीएस अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठे थे। हरियाणा के लोकायुक्त की ओर से इस मामले में अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश भी की थी। कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने यह मामला जोर-शोर से उठाया था लेकिन किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाई।
मुलाना से कांग्रेस विधायक पूजा चौधरी ने विधानसभा के बजट सत्र में अतारांकित सवाल के जरिये यह मुद्दा उठाया था। पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने लिखित जवाब में बताया गया है कि विभाग ने प्रदेश में वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर पांच वर्षों 2020-21 से 2024-25 के दौरान कुल 968 करोड़ 88 लाख रुपये खर्च किए। इस अवधि में वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए कुल 4 करोड़ 18 लाख 42 हजार 219 पौधे रोपे गए।
इस हिसाब से विभाग को एक पौधा लगाने पर 231 रुपये से अधिक की लागत आ रही है। 2020-21 में सरकार ने 55 लाख 15 हजार 136 पौधे लगाने पर 209 करोड़ 18 लाख रुपये खर्च किए। वहीं 2021-22 में पौधरोपण बढ़ाकर 98 लाख 68 हजार 248 तक पहुंचा गया। इन पर विभाग ने 249 करोड़ 11 लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च की।
अभी तक लगाए पौधे
2023-24 की अवधि में विभाग ने 142 करोड़ 43 लाख रुपये की लागत से राज्य में वन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 91 लाख 13 हजार 811 पौधे लगाए। इसी तरह से 2024-25 में वन विभाग ने 76 लाख 52 हजार 322 पौधों पर 155 करोड़ 74 लाख रुपये से अधिक खर्च किए। वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए विभाग ने फॉरेस्ट लैंड के अलावा विभिन्न इंस्टीट्यूट की खाली पड़ी जमीन, सामूहिक जमीन और प्राइवेट फार्म की जमीन पर भी पौधे लगाए।