मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

मिड डे मील वर्कर्स की लड़ाई रंग लाई, शिक्षा मंत्री से वार्ता में मिला आश्वासन

लगातार आंदोलनों और विरोध प्रदर्शनों के बाद आखिरकार मिड डे मील वर्कर्स की आवाज सरकार तक पहुंची। मंगलवार को हरियाणा सचिवालय में यूनियन (सीटू) के शिष्टमंडल ने शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से लंबी वार्ता की। मंत्री ने सभी मुद्दों को...
चंडीगढ़ में मंगलवार को शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा को ज्ञापन सौंपते मिड-डे-मील वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारी। -ट्रिन्यू
Advertisement

लगातार आंदोलनों और विरोध प्रदर्शनों के बाद आखिरकार मिड डे मील वर्कर्स की आवाज सरकार तक पहुंची। मंगलवार को हरियाणा सचिवालय में यूनियन (सीटू) के शिष्टमंडल ने शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से लंबी वार्ता की। मंत्री ने सभी मुद्दों को गंभीरता से सुनते हुए भरोसा दिलाया कि मानदेय, रिटायरमेंट लाभ और अन्य मांगों पर जल्द ही कैबिनेट में चर्चा होगी और सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।

गौरतलब है कि 3 अगस्त को पानीपत में हजारों मिड डे मील वर्कर्स ने शिक्षा मंत्री के कार्यालय का घेराव किया था। उस आंदोलन के दबाव में ही मंत्री ने 19 अगस्त को वार्ता के लिए यूनियन को बुलाया था। बैठक में यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष राजरानी, महासचिव जयभगवान, उपाध्यक्ष गगनदीप, सुनीता, ओपी माटा, सचिव शरबती, प्रकाश, लाल देवी, कोषाध्यक्ष सत्यवान, मदन सिंह और सीटू राज्य सचिव सुनील दत्त शामिल रहे।

Advertisement

यूनियन नेताओं ने कहा कि मिड डे मील वर्कर्स का शोषण लंबे समय से जारी है। कई महीनों से मानदेय नहीं मिला, वर्दी का पैसा स्कूलों में नहीं पहुंचा और काम 11 महीने कराने के बावजूद केवल 10 महीने का मानदेय दिया जा रहा है। उन्होंने मांग रखी कि वर्कर्स को 12 महीने का नियमित वेतन कम से कम 26,000 रुपये मिलना चाहिए। साथ ही दुर्घटना बीमा, मृत्यु पर मुआवजा और सेवानिवृत्ति लाभ भी तय होने चाहिए।

शिक्षा मंत्री ने यूनियन को भरोसा दिलाया कि मानदेय बढ़ोतरी, वर्दी भत्ता, 12 महीने वेतन और रिटायरमेंट लाभ जैसे मुद्दों पर विभाग जल्द प्रस्ताव कैबिनेट को भेजेगा। उन्होंने कहा कि सरकार वर्कर्स के हित में ठोस

फैसला करेगी।

Advertisement