यमुनानगर, 19 दिसंबर (हप्र)
लघु सचिवालय के सामने शनिवार को अजब गजब नजारा देखने को मिला। भाजपा ने एसवाईएल के समर्थन में मुख्यालय के सामने उपवास शुरू किया। तभी किसानों ने आकर भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और हाईवे जाम कर दिया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर बुलाया गया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने एसवाईएल नहर के समर्थन में सुबह से शाम तक उपवास किया। इस अवसर पर यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास, पूर्व विधायक बलवंत सिंह, समाज कल्याण बोर्ड की चेयरपर्सन मलिक रोजी आनंद, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सपरा, डॉ ऋषि पाल सैनी, अर्जुन गुमथला, सुरेंद्र शर्मा भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे। वहीं, दूसरी तरफ किसानों ने इनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। किसानों ने केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और लघु सचिवालय के सामने जाम लगा दिया। सूचना पाकर पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल, डीएसपी समेत भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। उन्होंने किसानों को लगातार समझाने का प्रयास किया गया और 2 घंटे की प्रयास के बाद किसान जाम खोलने को राजी हुए। किसान नेता सतपाल कौशिक का कहना है कि वर्ष-2014 से पूरे देश में और प्रदेश में इनकी सरकार है। इस समय इनका मकसद किसान आंदोलन में दरार पैदा करना है, लेकिन यह आंदोलन कमजोर नहीं होगा। पंजाब-हरियाणा ही नहीं पूरे देश के किसान तीनों कानूनों के खिलाफ हैं।
प्रदर्शनकारियों को रोकने में जुटी रही पुलिस
करनाल (हप्र) : धरने पर बैठे भाजपा नेताओं को किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। धरने पर पहुंचे भाजपा सांसद संजय भाटिया ने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहा-चौपाल पर जाकर आंख में आंख डालकर बात करो। लोगों को नए कृषि कानूनों के फायदे बताओ। धरने का विरोध करने जा रहे किसानों को पुलिस बल ने बीच रास्ते में ही रोक लिया और किसान इसके विरोध में सड़क पर ही बैठ गये। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान एकजुट हैं, लेकिन भाजपा ऐसे समय में एसवाईएल का मुद्दा उछालकर हरियाणा-पंजाब के भाईचारे को खराब करने का षड्यंत्र रच रही है।
पक्ष और विपक्ष में गूंजे नारे
सिरसा (निस) : कृषि कानूनों के पक्ष में भाजपा नेताओं का गांव ओटू के एक निजी पैलेस में एक घंटे का उपवास था। कार्यक्रम की जानकारी मिलने पर किसान इसका विरोध करने के लिए पैलेस के बाहर एकत्रित होना शुरू हो गए। पैलेस के अंदर नेता और कार्यकर्ता कृषि कानूनों के पक्ष में उपवास कर रहे थे तो बाहर किसान इस कानूनों के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे। इस अवसर पर आदित्य चौटाला, रामचंद्र कंबोज, जगदीश चोपड़ा, रणमाल बालासर उपस्थित थे।