जलबेड़ा व नैंसी गांव में मारकंडा नदी का तटबंध टूटा, बनी बाढ़ की स्थिति
सुभाष पौलस्त्य/निस
पिहोवा, 2 जुलाई
हलके के गांव जलबेड़ा व नैंसी गांव के पास मारकंडा नदी के तटबंध टूटने के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। पानी ने जलबेड़ा नैसी सहित आसपास के अनेक गांव को अपनी चपेट में ले लिया, जिस कारण ग्रामीणों में अफरा-तफरी फैल गई। तटबंध टूटने का समाचार मिलते ही उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा जलबेड़ा गांव के निकट तटबंध को बांधने का प्रयास किया। अभी वह जलबेड़ा गांव के मारकंडा के तटबंध को बांध रहे थे कि दूसरी ओर नैंसी से भी मारकंडा नदी का तटबंध टूट गया। सिंचाई विभाग की टीमें काम में जुटी हुई हैं। वहीं ग्रामीण भी पूर्ण सहयोग दे रहे हैं। पानी का बहाव तेज होने के कारण फिलहाल इस पर काबू नहीं पाया जा सका। पानी ने लगभग 700 एकड़ फसल को अपनी चपेट में ले लिया।
एसडीएम कपिल कुमार ने बताया कि तटबंध टूटने के कारण लगभग 500 से 700 एकड़ तक फसल पानी में डूबी हुई है तथा पानी लोगों के घरों की ओर जाने लगा है। सिंचाई विभाग की टीमें तटबंध को पाटने में जुटी हुई हैं। यदि दो दिन तक बरसात न हुई तो कल तक इस पर काबू पा लिया जाएगा। रिहायशी इलाकों में पानी की रोकथाम के लिए भारी प्रयास किया जा रहे हैं। जलबेड़ा गांव में तटबंध पर काबू पा लिया गया। मायाराम, भगवान सिंह, नायब सिंह, दर्शन सिंह सहित अनेक ग्रामीणों ने बताया कि मारकंडा नदी का पानी ओवरफ्लो होकर आ गया तथा उसने तटबंधों को तोड़ दिया। पानी के कारण जहां उनकी फसलें नष्ट हो गईं, वहीं उनका पशु चारा भी खराब होता जा रहा है।
ग्रामीणों को अपने परिवारों व पशुओं को बचाने की चिंता सताने लगी है। ग्रामीणों ने बताया कि 2 वर्ष पूर्व भी उन्होंने इस पानी के निकासी के लिए उच्च अधिकारियों को शिकायत की थी तथा लिखित में प्रार्थना पत्र भी दिए थे, परंतु प्रशासन ने उनके इस शिकायत की ओर ध्यान ही नहीं दिया। इसका खमियाजा अब किसानों को भुगतना पड़ रहा है ।