पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 23 मार्च
तीन कृषि कानूनों को रद्द करा एमएसपी पर पक्की गारंटी की मांग को लेकर आंदोलनरत किसानों का मंच मंगलवार को युवाओं के नाम रहा। यहां शहीदी दिवस के मौके पर जुटी युवाओं की भीड़ ने सरकार पर जमकर वार किए और कहा कि किसान को कमजोर आंकने की भूल केंद्र सरकार कर रही है। उन्होंने संकल्प लिया कि जब तक तीनों कानून रद्द नहीं होते और केंद्र एमएसपी पर गारंटी नहीं देती, आंदोलन जारी रहेगा। युवाओं ने कहा कि वह किसी भी सूरत में अपने बुजुर्गों को कमजोर नहीं पड़ने देंगे। इसके लिए युवाओं का जब भी आह्वान हाेगा, वह मदद के लिए बाॅर्डर पर पहुंच जाएंगे। कुंडली धरनास्थल के मंच से युवा किसान नेता हरमीत सिंह कादियां, मरियम धवले, सविता, किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बादल सरोज, मेजर सिंह पुनेवाल, खेत मजदूर यूनियन के राज्याध्यक्ष जगमाल, पंजाब के किसान नेता धर्मपाल शील, मजदूर नेता महेंद्र सिंह, शेर सिंह और आनंद शर्मा आदि ने कहा कि यह किसान का अपमान है और इसे देश का युवा बर्दाश्त नहीं करेगा। मजदूर नेता नोदीप कौर ने भी किसान मजदूरों के शोषण के अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र पर भगत सिंह के विचारों को किसानों के सामने रखा।
शहीदों के शहर की मिट्टी पहुंची धरनास्थल
शहीदों से जुड़े ऐतिहासिक स्थान सुनाम, खटकड़ कलां, आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, सराभा, जलियावालां बाग, हुसैनीवाला, चमकौर साहिब से मिट्टी इकट्ठी कर सिंघु व टीकरी बॉर्डर पर लाई गई। पंजाब स्टूडेंट्स यूनियन के अमनदीप सिंह, नौजवान भारत सभा के कर्मजीत, कीर्ति किसान यूनियन यूथ विंग के भूपिंदर लोंगोवाल व छात्र नेता विक्की माहेश्वरी ने इन शहीद स्मारकों से मिट्टी इकट्ठी कर दिल्ली लाने की जिम्मेदारी निभाई।