सुरेंद्र दुआ/निस
नूंह/मेवात,22 अगस्त
प्रदेश के सर्वाधिक मेव बाहुल्य पिछड़े जिले नूंह (मेवात) की बेरोजगारी जैसी जटिल समस्या का स्तर सुधारने के लिए आईएमटी रोजकामेव औद्योगिक नगरी बनाई गयी और यहां के पढ़े-लिखे युवकों को रोजगार देने की दिशा में सरकार द्वारा एक सार्थक योजना बनाई गई। लेकिन जिला के बेरोजगार युवकों के लिए बना आईएमटी रोजकामेव औद्योगिक नगरी के विकसित न होने से उनके रोजगार का सपना पूरा नहीं हो सका है।
उल्लेखनीय है कि, वर्ष 2011 में कंकर खेड़ी रेाजकामेव, रेवासन, मरहोला,कंवरसीका, रूपाहेडी, धीरधोका, बडेलाकी, खोडबसई, बहादरी समेत 9 गांवों की करीब 1600 एकड़ भूमि आईएमटी रोजकामेव के लिए अधिगृहीत हुई थी और संबंधित किसानों काे मुआवजा राशि का भी आवंटन हो गया था। भाजपा सरकार आने पर वर्ष 2015 में आईएमटी रोजकामेव का नाम बदलकर आईएमटी सोहना रखकर यहां बड़े-बड़े उद्योग लगाने की कवायद शुरू की गई। मारुति जैसी नामी कम्पनी का प्लांट यहां लगने की खबर से आर्थिक रूप से पिछड़े पढ़े-लिखे युवकों को रोजगार मिलने की उम्मीद जगी थी। इसके अलावा यहां अन्य उद्योग लगने की योजनायें तो कई बार बनीं, लेकिन अभी तक यहां किसी भी छोटे-बड़े उद्योगपति ने उद्योग लगाने का प्रयास नहीं किया है। हैरत की बात देखने को यह मिल रही है कि यहां लगी छोटी-मोटी औद्योगिक इकाइयों में यहां के युवकों की बजाये बाहरी को अधिक तरजीह दी जा रही है।
आजाद कंकरखेडी, हाफिज सिराजूदीन, हमीदा, मौहम्मद एसपी, अयूब खान, साहून बडेलाकी आदि ने बताया कि जिला के बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मिलने के मकसद से 9 गांवों के किसानों की करीब 1600 एकड़ भूमि आईएमटी रोजकामेव के लिए अधिगृहीत की गई थी। यहां के युवकों का उनके अपने घर में ही रोजगार मिलने का सपना अभी तक अधूरा है।
जल्द होगा योजना पर अमल : उपायुक्त
उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह ने रविवार सायं कहा कि आईएमटी औद्योगिक नगरी का मामला उनके संज्ञान में हैं। साथ ही कहा कि इसको लेकर जल्द ही संबंधित अधिकारियों के संग एक बैठक कर विचार-विमर्श कर योजना की कारगुजारी अमल में लाई जाएगी।