खनन माफिया की दबंगई अफसरशाही पर भारी
यमुनानगर जिला प्रशासन के कड़े निर्देशों के पश्चात भी अवैध खनन सामग्री का परिवहन करने वालों पर प्रशासन पूरी तरह से रोक लगाने में कामयाब नहीं हो पा रहा। हालांकि एनजीटी के निर्देशों के पश्चात यमुनानगर जिला उपायुक्त द्वारा यमुनानगर खनन जोन में चैकिंग पाइंट्स (नाके) लगाए गए थे, जिनका कार्य खनन सामग्री से भरे वाहनों के बिल, ई रवाना एवं ओवरलोडिंग आदि चैक करना है। कुछ समय के लिए तो चैकिंग पॉइंट्स के कारण अवैध खनन पर काफी हद तक रोक लग गई थी, जिससे सरकार के राजस्व में तो इजाफा हुआ ही था। साथ ही खनन जोन में रहने वाले ग्रामीणों ने भी राहत की सांस ली थी। अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि खनन माफिया की दबंगई के आगे प्रशासन ने घुटने टेक दिए हैं। खनन जोन के रंजीतपुर एरिया के गांव सुल्तानपुर एवं मुगलांवाली के नाकों से अवैध खनन सामग्री से भरे सैकड़ों डंपर प्रतिदिन गुजर रहे हैं। राजनीतिक संरक्षण प्राप्त खनन तस्करों के इन वाहनों को रोक कर जांच करने का साहस चैकिंग पाइंट्स पर मौजूद कोई भी कर्मचारी नहीं दिखाता है।
आलम यह है कि अवैध खनन सामग्री से भरे 50/60 ट्रकों के काफिले के आगे स्कॉर्पियो गाड़ियों में सवार खनन तस्करों के गुर्गे होते हैं। अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी इन्हें रोकने का प्रयास करता है तो यह लोग अपनी दबंगई और राजनीतिक संरक्षण का भय दिखाकर बिना चैकिंग के अधिकारियों और कर्मचारियों के समक्ष धड़ल्ले से अवैध खनन सामग्री से भरे अपने ट्रकों को ले जाते हैं।
खनन जोन में रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि दिन में तो कुछ हद तक शांत रहते है, परंतु रात होते ही सैकड़ों की तादाद में अवैध खनन सामग्री से भरे ओवरलोड ट्रक सुल्तानपुर एवं मुगलावांली गांव से गुजरते हैं। गांव वासियों ने बताया कि इन खनन तस्करों के हौसले इस कदर बुलंद हो चुके है कि अगर कोई अधिकारी इन्हें रोकने का प्रयास भी करता है तो यह लोग भारी संख्या में एकत्रित होकर हंगामा कर देते हैं। इसी के साथ ही कई बार तो खनन तस्कर अपनी दबंगई दिखाते हुए अधिकारियों को ट्रांसफर तक की धमकी भी दे देते हैं। खनन जोन में रहने वाले लोगों ने बताया कि अवैध खनन सामग्री से भरे ओवरलोड डंपरों के कारण सड़क दुर्घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। खनन जोन में रहने वाले ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द अवैध खनन के तस्करों पर लगाम लगाई जाए।