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37 मिनटों में नापी जाएगी गाजियाबाद से गुरुग्राम की दूरी

अभी लगते हैं 100 मिनट, नमो भारत कॉरिडोर से राह होगी आसान
चंडीगढ़ में मंगलवार को सीएम नायब सैनी प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक करते हुए।
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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई नमो भारत कॉरिडोर की समीक्षा बैठक

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

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चंडीगढ़, 6 मई। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुग्राम से नोएडा वाया फरीदाबाद नमो भारत कॉरिडोर की अलाइनमेंट की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) जल्द तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। डीपीआर तैयार होने के बाद मंजूरी और आर्थिक सहायता के लिए एनसीआरटीसी के पास जाएगी। नमो भारत ट्रेन लगभग 1 घंटे में 90 किमी की दूरी तय करते हुए हाई स्पीड कनेक्टिविटी सुनिश्चित करती है।

यह गाजियाबाद और गुरुग्राम के बीच यात्रा के समय को सड़क मार्ग से 100 मिनट से घटाकर सिर्फ 37 मिनट कर देगा। यह हरियाणा से दिल्ली हवाई अड्डे तक तेज़ और सीधी पहुंच भी प्रदान करेगा। नमो भारत ट्रेन की अधिकतम डिज़ाइन गति 180 किमी प्रति घंटा है। इसमें 5-10 किमी की अंतर-स्टेशन दूरी और हर 5-10 मिनट में ट्रेन की आवृत्ति है। इसमें प्लेटफ़ॉर्म स्क्रीन डोर और स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली भी होगी।

मुख्यमंत्री मंगलवार को चंडीगढ़ में एनसीआर क्षैत्र में आठ नमो भारत कॉरिडोर की परियोजनाओं की समीक्षा बैठक ले रहे थे। बैठक में पर्यावरण एवं वन मंत्री राव नरबीर सिंह, सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, सीएम के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। नमो भारत कॉरिडोर के तहत तीन कॉरिडोर वर्तमान में पहले चरण में पूरे होंगे।

इनमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ (82 किमी), दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (105 किमी) और दिल्ली-पानीपत-करनाल (136 किमी) मार्ग शामिल हैं। बैठक के दौरान, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के एमडी शलभ गोयल ने दो नमो भारत कॉरिडोर की विभिन्न विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए विस्तृत परियोजना रिपोर्टों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर ने 55 किलोमीटर सेक्शन पर सफल संचालन रहा है और लोगों की अत्यधिक सकारात्मक प्रतिक्रिया आई है।

मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि नमो भारत कॉरिडोर का डिजाइन भविष्य के लिए तैयार होना चाहिए और सिस्टम की उपयोगिता बढ़ाने के लिए मेट्रो सिस्टम के साथ कुशल एकीकरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी और दिल्ली-पानीपत-करनाल कॉरिडोर से संबंधित अलाइनमेंट, स्टेशनों और भूमि आवश्यकताओं की समीक्षा की।

 

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