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पानीपत में हरियाणा-यूपी की सीमा पर यमुना में लगने वाले 212 पिलरों का डिजाइन बदला

यमुना नदी में 40-45 फीट गहराई में, करीब 20 फीट पिलर रहेंगे जमीन के ऊपर
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हरियाणा-यूपी बॉर्डर के पास यूपी की तरफ केंद्रीय जल आयोग के कार्यालय के पास यूपी सरकार के कई साल से रखे हुए पिलर, जोकि पहले यमुना में लगने थे। -हप्र
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बिजेंद्र सिंह/हप्र

पानीपत, 24 मार्च

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पानीपत जिला में यमुना नदी के अंदर हरियाणा-यूपी सीमा रेखा पर गांव राणा माजरा से लेकर हथवाला तक करीब 30 किमी की सीमा रेखा पर करीब पांच करोड़ रुपये की लागत से हरियाणा पीडब्ल्यूडी द्वारा 307 पिलर लगवाये जाने हैं, जिसमें से सीमा रेखा पर यमुना के अंदर 212 बड़े पिलर 60-65 फीट लंबे लगने हैं। ये बड़े पिलर पहले करीब 55-60 फीट की गहराई में और करीब 5 फीट जमीन से ऊपर रहने थे। जबकि 5 रेफरेंस पिलर व 90 सब-रेफरेंस पिलर करीब 8 फीट की गहराई तक लगाये जाने हैं। इतनी ही संख्या में तीनो तरह के पिलर यूपी सरकार द्वारा सीमा रेखा में लगाये जाएंगे। हरियाणा द्वारा 1, 3, 5 व 7 आदि नंबर के यानि ओड नंबरों और यूपी द्वारा 2, 4, 6 व 8 आदि इवन नंबरों के पिलर लगवाये जाने हैं। अब 212 बड़े पिलरों के लगाने के डिजाइन में बदलाव किया गया है।

इंजीनियरों का मानना है कि बड़े पिलरों की ऊंचाई पहले करीब 5 फीट जमीन के ऊपर रहनी थी, जिससे मानसून में बारिश के पानी में यमुना में आने वाले रेत व मिट्टी के नीचे वे पिलर दब सकते थे। इसलिए अब यमुना में सीमा रेखा पर लगने वाले 212 बड़े पिलरों की लंबाई तो वही 60-65 फीट ही रहेगी, लेकिन वे अब 40-45 फीट की गहराई में और करीब 20 फीट पिलर यमुना में जमीन से ऊपर रहेंगे। पिलरों की जमीन से ऊंचाई 20 फीट होने से अब वे पिलर यमुना के रेत व मिट्टी आदि में नही दब सकेंगे। पीडब्ल्यूडी द्वारा अब 212 बड़े पिलरों को नये डिजाइन के अनुसार ही लगाया जाएगा।

बता दें कि इन पिलरों के लगाने का करीब पांच करोड़ रुपये का टेंडर खुल चुका है और अप्रूवल के लिये काफी दिनों से हरियाणा पीडब्ल्यूडी मुख्यालय गया हुआ है। वहां पर टेंडर अप्रूवल कमेटी (टीएसी) द्वारा इसको मंजूरी देना अभी बाकी है और उम्मीद है कि जल्द ही टीएसी की मीटिंग होने पर इसको अप्रूवल मिल जाएगी।

क्या कहते हैं पीडब्ल्यूडी के एसडीओ

पीडब्ल्यूडी के एसडीओ शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि पिलर लगाने का करीब 5 करोड़ रुपये का टेंडर खुलने के बाद काफी दिनों से मुख्यालय अप्रूवल के लिये गया हुआ है। वहां पर अब सिर्फ टीएसी द्वारा उसको अप्रूवल देनी है और अप्रूवल मिलने के बाद ठेकेदार सिक्योरिटी जमा करवायेगा। एसडीओ भाटिया ने कहा कि यदि किसी वजह से कोई अड़चन नहीं आई तो एक से डेढ़ माह में ही सीमा रेखा पर पिलर लगने का काम शुरू होने की पूरी संभावना है। वे चाहते हैं कि मानसून का सीजन शुरू होने से पहले सीमा रेखा पर पिलर लग जाएं।

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