सोनीपत, 4 अगस्त (निस)
नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य कुंडली बॉर्डर से दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचे और समानांतर किसान संसद लगाई। किसान संसद में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चर्चा कर कानून बनाने पर बहस हुई। किसान संसद में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को भी लागू करने की मांग उठी।
किसान संसद की कार्यवाही चलाने के लिए 2 सत्रों के लिए वीएस राव व बूटा सिंह को स्पीकर और जगजीत डल्लेवाल व हवा सिंह आंतिल को डिप्टी स्पीकर की जिम्मेदारी दी गई। आज की किसान संसद ने अपना ध्यान किसानों को सभी कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की ओर केंद्रित किया। बहस के दौरान किसान प्रतिनिधियों ने इस विधेयक का समर्थन किया और स्वामीनाथन आयोग की कई अन्य सिफारिशों पर प्रकाश डाला। जिसमें कृषि भूमि को संरक्षित किया जाना और फसल बीमा को प्रभावी बनाना शामिल है। किसानों ने यह भी मांग की कि किसानों के परिवार के श्रम को सकुशल मज़दूरी माना जाए और एमएसपी की गणना करते समय उस मजदूरी दरों को लागू किया जाए। विभिन्न वक्ताओं ने किसानों को लाभकारी या लागत मूल्य मुहैया करने में मौजूदा प्रणाली की विफलता पर प्रकाश डाला।