देश को अंग्रेजों से आजादी मिली थी उनके बनाए कानूनों से नहीं : शाह
कुरुक्षेत्र में तीन नये आपराधिक कानूनों पर लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि जनता में धारणा बन गई थी कि कई सालों तक न्याय मिलने वाला नहीं है। लेकिन अब नये कानूनों पर आधारित जो भी एफआईआर वर्ष 2026 में दर्ज होगी, उसका निपटान तीन साल में किया जाएगा और न्याय भी सुनिश्चित होगा। पहले जो कानून बने थे उन्हें अंग्रेजों ने बनाया था, उनका मकसद भारत की जनता का कल्याण करना नहीं बल्कि अंग्रेजों द्वारा अपना शासन बरकरार रखना था। 1947 में देश को अंग्रेजी से आजादी तो मिली लेकिन अंग्रेजी कानूनों से मुक्ति नहीं मिली। अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 1 जुलाई 2024 से भारतीय न्याय संहिता को लागू करके नए युग का उदय किया गया है।
गृह मंत्री ने कहा कि इन कानूनों में देश के नागरिकों को दंड की जगह न्याय, गरीब से गरीब नागरिक को सम्मान, सम्पत्ति और शरीर की सुरक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा कि नये कानूनों के बारे में कई लोगों के मन में सवाल था कि इन कानूनों के परिणाम क्या होंगे, लेकिन प्रदर्शनी देखने से मालूम पड़ेगा कि किस प्रकार 112 दिन में हत्या के अपराधी को सजा सुनाकर सलाखों में भेजा गया है।
इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि पहले जो अपराधी सालों जेल में रहते थे और बाॅन्ड नहीं भर सकते थे अब नये कानून में यह साफ हो गया है कि एक तिहाई सजा होने पर जेल स्वयं उनकी सजा माफ करवाने की अर्जी लगाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि पुराने कानूनों में केवल 40 प्रतिशत को ही न्याय मिल पाता था, जबकि अब नये कानूनों के बाद 80 प्रतिशत मामले न्याय तक पहुंच रहे हैं। सरकार इन कानूनों में कई ऐसे प्रावधान लेकर आई है जिनमें सिटीजन, डिग्निटी व लॉ को शामिल किया गया है।
अब पुलिस डंडे के स्थान पर डाटा जुटाने का काम कर रही है। थर्ड डिग्री के स्थान पर साइंटिफिक तरीके से काम कर रही है। कानूनों के माध्यम से पुलिस, जेल, न्यायपालिका, अभियोजन और फॉरेंसिक सभी पांचों को ऑनलाइन जोड़ दिया गया है। महिलाओं और बच्चों के लिए अलग कानून बनाया गया है। सभी बिन्दुओं की वीडियोग्राफी भी सुनिश्चित की गई है।
7 साल से ज्यादा के अपराधों में फॉरेंसिक जांच को सुनिश्चित कर दिया गया है। आतंकवाद, मॉब लिचिंग, डिजिटल अपराध को समय सीमा निर्धारण से जोड़ा गया है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि अब तारीख पे तारीख के जुमले समाप्त होंगे और तीन साल में न्याय मिलना तय होगा।
देश की न्याय प्रणाली हुई सशक्त : नायब
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने से भारत की न्याय प्रणाली पहले से कहीं अधिक सशक्त, प्रभावी और पारदर्शी बनी है। इन कानूनों के माध्यम से आम नागरिकों को शीघ्र और सुगम न्याय प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह हरियाणा के लिए गर्व का विषय है कि राज्य ने इतने कम समय में न केवल इन कानूनों को लागू किया, बल्कि इनके लागू होने के बाद दोष सिद्धि दर को 82.6 प्रतिशत तक पहुँचाने में भी सफलता प्राप्त की है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।
केंद्रीय गृहमंत्री का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि यह हरियाणा के लिए गर्व का विषय है कि गीता की जन्मस्थली कुरुक्षेत्र से तीन नए आपराधिक कानूनों की प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देश में कई क्रांतिकारी निर्णय लिए गए हैं, जिनके माध्यम से ऐतिहासिक भूलों को सुधारा गया है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और धारा 35 को हटाकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक अखंड भारत के स्वप्न को साकार किया गया है। नागरिकता संशोधन अधिनियम के माध्यम से उन लाखों लोगों को नागरिकता प्रदान की गई है, जो वर्षों से अपने ही देश में शरणार्थी के रूप में जीवन यापन कर रहे थे।